बच्चों को जरूरी है ये 5 गलत चीजों से दूर रखना, जानिए

By :  vijay
Update: 2024-11-18 18:58 GMT

बच्चों का बचपन बेहद नाजुक समय होता है, और इस दौरान उनकी मानसिक और शारीरिक विकास में माता-पिता का बहुत बड़ा हाथ होता है, माता-पिता का यह कर्तव्य है कि वे अपने बच्चों को ऐसी गलत आदतों और चीजों से दूर रखें, जो उनके विकास पर नेगेटिव इंपैक्ट डाल सकती हैं, आइए, जानते हैं वो 5 गलत चीजें जो बच्चों को दूर रखना बहुत जरूरी हैं:-

फास्ट फूड से दूर रखें

बच्चों के शरीर और दिमाग के विकास के लिए सही पोषण जरूरी है, फास्ट फूड, जंक फूड और ज्यादा तली-भुनी चीजें बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं, ये न केवल मोटापा बढ़ा सकती हैं, बल्कि इससे उनकी ऊर्जा भी कम हो सकती है, जिससे वे सक्रिय और खुशमिजाज नहीं रहते, हमेशा बच्चों को ताजे फल, सब्जियां, प्रोटीन और अनाज वाली चीजें खाने के लिए प्रेरित करें.

ज्यादा स्क्रीन टाइम से दूर रखें

आजकल के बच्चों को वीडियो गेम्स, टीवी और स्मार्टफोन में घंटों बिताने की आदत हो गई है, ज्यादा स्क्रीन टाइम से बच्चों की शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है और उनका मानसिक विकास भी प्रभावित होता है, इसके अलावा, इससे उनकी आंखों पर भी बुरा असर पड़ता है, बच्चों को खेलकूद, आउटडोर एक्विटी और किताबों के साथ वक्त बिताने की आदत डालें.

नेगेटिव थिंकिंग और गुस्सा

बच्चों में अक्सर नेगेटिव सोच और गुस्सा दिखाई दे सकता है, खासकर अगर वे हमेशा तनावपूर्ण माहौल में रहते हैं, माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को शांत और पोसिटीव दृष्टिकोण सिखाएं, उन्हें सिखाएं कि कैसे समस्याओं का समाधान शांति से किया जा सकता है.

 बहुत ज्यादा दबाव और अपेक्षाएं

बच्चों पर ज्यादा दबाव डालना, जैसे हमेशा अच्छे अंकों की उम्मीद करना या हर काम में परफेक्ट होने की उम्मीद रखना, उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, यह आत्मविश्वास की कमी और तनाव पैदा कर सकता है, बच्चों को अपनी गति से सीखने और बढ़ने का अवसर दें, उन्हें यह समझने का मौका दें कि गलतियाँ करना भी एक सीखने की प्रक्रिया है.

बुरा व्यवहार और हिंसा

बच्चों को हमेशा अच्छे आचरण, सम्मान और सहनशीलता के बारे में सिखाना चाहिए, अगर बच्चे किसी हिंसक या गुस्से वाले वातावरण में बड़े होते हैं, तो यह उनके व्यवहार पर प्रतिकूल इंपैक्ट डाल सकता है, उन्हें सिखाएं कि समस्या का समाधान बातचीत से और संयम से किया जा सकता है, न कि गुस्से या हिंसा से.

Similar News