राजस्थान में युद्ध जैसे हालात का अभ्यास, सीमावर्ती जैसलमेर समेत सभी 41 जिलों में मॉक ड्रिल

Update: 2025-05-31 18:15 GMT
राजस्थान में युद्ध जैसे हालात का अभ्यास, सीमावर्ती जैसलमेर समेत सभी 41 जिलों में मॉक ड्रिल
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राजस्थान के सभी 41 जिलों में ऑपरेशन शील्ड के तहत युद्ध जैसी आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए मॉक ड्रिल्स का आयोजन किया जा रहा है। इस व्यापक स्तर के अभ्यास का उद्देश्य नागरिक प्रशासन, सुरक्षा एजेंसियों और आमजन के बीच आपसी समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमताओं की जांच करना है। भीलवाड़ा जयपुर, जैसलमेर, अलवर, करौली, , टोंक, राजसमंद, हनुमानगढ़, बांसवाड़ा और अन्य जिलों में आयोजित ये अभ्यास इस बात का प्रमाण हैं कि राजस्थान अब किसी भी आपदा से निपटने को पूरी तरह सतर्क और सुसज्जित हो रहा है।

राजसमंद (राव दिलीप सिंह परिहार)शनिवार को आयोजित मोक ड्रिल में पुलिस-प्रशासन की सभी व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गई। मोक ड्रिल ने एक बार पुनः साबित किया कि जिला प्रशासन और पुलिस अलर्ट है और हर विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए तत्पर है।

पुलिस लाइन स्थित अन्वेषण भवन में एक एयर स्ट्राइक की सूचना प्राप्त हुई बड़ी तादाद में पुलिस के जवान, सिविल डिफेंस की टीमें, नगर परिषद की अग्निशमन गाड़ियां, चिकित्सा विभाग की टीमें मौके पर पहुंचे। साथ ही जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा, एडीएम नरेश बुनकर, एडिशनल एसपी महेंद्र पारीक एवं रजत विश्नोई सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौके पर पहुँच गए।

नगर परिषद से आई फायर ब्रिगेड ने त्वरित प्रभाव से अन्वेषण भवन में लगी आग बुझाई। साथ-साथ घायल जवानों को पुलिसकर्मियों और सिविल डिफेंस की टीम ने मिलकर बिना किसी देरी के एम्बुलेंस में बैठाया और निकटवर्ती सुरक्षित भवन पहुंचाया जहां प्रशासन की ओर एक अस्थाई अस्पताल का निर्माण किया गया था। एक घायल को जवान कंधे पर लाद पर सीढ़ियों सीढ़ी (निसेनी) से नीचे आता हुआ भी दिखाई दिया, जो टीम की सक्रियता को दर्शाता है।

अस्थाई अस्पताल में तुरंत मिला उपचार:

अस्थाई अस्पताल में घायलों के उपचार के लिए सभी आवश्यक जीवन रक्षक दवाइयां, ऑक्सीजन सिलेंडर सहित पर्याप्त संख्या में मेडिकल स्टाफ जैसे चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ आदि मौजूद थे। मौके पर सीएमएचओ डॉ हेमंत बिंदल और पीएमओ डॉ रमेश रजक भी उपस्थित थे जिन्होंने गंभीर घायलों को यहाँ से आर के जिला चिकित्सालय पहुंचाया। गंभीर घायलों को तुरंत ऑक्सीजन दी गई। कलक्टर ने भी प्रत्येक घायल से मिलकर हाल-चाल जाना।

5 मिनट के अंदर ही पहुँच गए सभी:

घटनास्थल पर पुलिस, चिकित्सा दल, स्थानीय प्रशासन, होमगार्ड, अग्निशमन सेवा, एनसीसी, एनएसएस, माय भारत, भारत स्काउट्स एंड गाइड्स तथा अन्य स्वयंसेवी संगठनों की सक्रिय भागीदारी रही। सूचना के 5 मिनट के भीतर ही सभी आवश्यक राहत दल घटनास्थल पर पहुंच गए और उनके मध्य उत्कृष्ट समन्वय देखने को मिला। जिला कलक्टर ने निरंतर मौके पर उपस्थित रह कर सम्पूर्ण मोक ड्रिल का पर्यवेक्षण किया।

आगे भी रहें सतर्क :कलक्टर

मॉक ड्रिल की समाप्ति पर जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा ने एक-एक कर सभी टीमों से मुलाकात की और तत्परता के लिए सराहना की। कलक्टर ने कहा कि भविष्य में कोई खतरा होने पर सभी इसी तरह अलर्ट रहें और अपना-अपना दायित्व निभाएं।

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