जिला स्तर पर यूनिसेफ के सहयोग से बाल अधिकारों पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

By :  vijay
Update: 2025-06-26 15:03 GMT
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चित्तौड़गढ़, । "बाल अधिकारों की रक्षा एवं संरक्षण सुनिश्चित करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।" यह बात यूनिसेफ राजस्थान के बाल संरक्षण विशेषज्ञ संजय निराला ने गुरुवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान कही।

जिला कलक्टर आलोक रंजन के निर्देशन में आयोजित इस कार्यशाला में जिले में संचालित बालगृहों, किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति एवं संबंधित संस्थाओं के अधिकारियों और कर्मचारियों को बाल अधिकार एवं संरक्षण के विविध पहलुओं पर प्रशिक्षित किया गया।

बाल संरक्षण विशेषज्ञ संजय निराला ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम सहित बाल संरक्षण हेतु बने विभिन्न कानूनों एवं केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से बच्चों के समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है।

कार्यशाला में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष श्रीमती प्रियंका पालीवाल ने समिति की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बच्चे के सर्वोत्तम हित के सिद्धांत पर कार्य करने का आह्वान किया।

यूनिसेफ उदयपुर संभाग की प्रभारी श्रीमती सिंधु बिनुजीत ने बाल संरक्षण के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी, वहीं यूनिसेफ के राज्य बाल सलाहकार आशुतोष श्रीवास्तव ने संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार चार्टर और संबंधित विधिक प्रावधानों की विस्तृत जानकारी साझा की।

हरिश्चन्द्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान (रीपा) जयपुर के राजकुमार पालीवाल ने बाल श्रम, बाल विवाह व पोक्सो एक्ट पर विस्तार से जानकारी दी। यूनिसेफ से अजीत कुमार एवं कपिल देव प्रसाद ने बाल संरक्षण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं एवं कार्यों की जानकारी दी।

कार्यशाला में प्रमुख रूप से सहायक निदेशक (बाल अधिकारिता) ओमप्रकाश तोषनीवाल, किशोर न्याय बोर्ड सदस्य श्रीमती अरुणा राठौड़, अधीक्षक सम्प्रेक्षण गृह चन्द्र प्रकाश जीनगर, उपनिदेशक सामाजिक न्याय जितेन्द्र गढ़वाल, परिवीक्षा अधिकारी विकास खटीक, चाइल्ड हेल्पलाइन समन्वयक नवीन काकड़दा, व अन्य अधिकारी, संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं स्वयंसेवी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

यह कार्यशाला शुक्रवार को भी जारी रहेगी, जिसमें प्रतिभागियों को केस स्टडी, समूह चर्चा एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

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