अवैध संबंध का खुल जाता राज इसलिए बेटे ने ही अपने पिता को दे दी दर्दनाक मौत
चुरू । सरदारशहर इलाके के जीवनदेसर गांव में 11 जुलाई को हुई वृद्ध रघुवीर सिंह राजपूत की हत्या की वारदात में ऐसा ही खुलासा हुआ है। वारदात को उसके छोटे बेटे भानुप्रताप सिंह ने ही अंजाम दिया था। वजह यह थी पिता रघुवीर सिंह ने बेटे के अवैध संबंधों पर अपनी टॉर्च की रोशनी डाल दी थी। इसके बाद सुबह बात करने की धमकी दी, जिससे डरकर बेटे ने पिता को सुबह का सूरज भी नहीं देखने दिया। रात को ही पिता रघुवीर सिंह की गर्दन गंडासे से काट दी। पुलिस ने जांच के बाद आरोपी भानुप्रताप सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।
जीवनदेसर गांव के निवासी 64 वर्षीय रघुवीर सिंह का शव घर में उसी पलंग पर पाया गया था, जिस पर वह रात को सोया था। सूचना पर पुलिस और एफएसएल टीम ने मौके से सबूत एकत्र किए, लेकिन हत्यारें का कोई सुराग नहीं पाया गया। घर में किसी के आने-जाने के आलामात भी नहीं पाए गए। उस दौरान घर में भानुप्रताप, उसके बड़े भाई की पत्नी जयप्रर्दा कंवर, बहिन ममता कंवर व दो बच्चें ही थे। ऐसे में पुलिस ने परिवार पर नजर रखकर ही जांच को आगे बढ़ाया। कांस्टेबल नंदलाल डूडी और विनोद चौधरी ने उनके घर के पास ही डेरा डाल लिया।
पुलिस टीम ने मौके का गहराई से मुआयना किया तो सामने आया कि आरोपी ने वारदात को अंजाम देने के बाद भागने की जल्दी नहीं दिखाई। खून से सने हाथ पलंग पर लगी चादर से ही पौछे थे। पुलिस अधीक्षक जय यादव ने बताया कि ऐसे में पुलिस टीम ने भानुप्रताप सिंह पर नजर रखना शुरू कर दिया। उस पर नजर रखने के लिए दो जवान वहीं पर तैनात कर दिए गए। पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि वारदात को अंजाम देने के बाद भानुप्रताप ने गंडासे को साफ किया। रात को स्वयं के कपड़े धोकर सुखाए और सुबह उन्हीं कपड़ों को वापस पहन कर शव के पास आया, जिससे किसी को शक नहीं हो। वह पुलिस को बताता रहा की उनके पिता की किसी के साथ रंजिश नहीं थी।
हत्या के इस मामले को खोलने में पुलिस के घेरे के साथ आरोपी का बैठक में दो रिश्तेदारों के बीच किया गया कबूलनामा भी महत्वपूर्ण रहा। आठ दिन तक तो उसने हत्या की बात को छिपाए रखा, लेकिन इसके बाद घर में चल रही बैठक में रिश्तेदार गणेश सिंह और श्रवण सिंह को इसका संकेत दे दिया। यह बात डीएसपी अनिल कुमार माहेश्वरी तथा सरदारशहर थानाधिकारी अरविंद कुमार भारद्वाज तक पहुंच गई। पुलिस ने नए कानून के तहत दोनों के न्यायालय में बयान करवा दिए। इसके बाद भानुप्रताप सिंह को थाने लाकर पूछताछ की गई तो उसने सारा राज उगल दिया।