अब राजस्थान से 500 बच्चों को विदेश पढ़ने भेजेगी सरकार, योजना से राजीव गांधी का नाम हटाया

Update: 2024-05-24 13:23 GMT

जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के समय विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों में पढाई के लिए शुरू की गई एकेडमिक एक्सीलेंस स्कॉलरशिप योजना के तहत अब लाभार्थी छात्र-छात्राओं की संख्या 200 से बढाकर 500 कर दी गई है। इस योजना के तहत कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने छात्रों से आवेदन मांगना शुरू कर दिया है। सरकार ने इस योजना में कई बदलाव भी किए हैं। योजना का नाम पहले राजीव गांधी के नाम पर था, जो अब बदलकर स्वामी विवेकानंद के नाम पर रखा गया है। साथ ही इस योजना में अब विदेशी के साथ ही देश के प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थान भी शामिल कर दिए गए हैं।

इसके साथ ही विभिन्न चरणों में चयन की प्रक्रिया कर यह भी तय किया गया है कि 25 लाख से अधिक आय वाले परिवारों के बच्चों का चयन सिर्फ उसी स्थिति मे किया जाएगा जब इससे कम आय वाले परिवारों के छात्र पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं होंगे। इसके साथ ही 25 लाख से अधिक आय वाले परिवारों के बच्चों का चयन होता है, उन्हें सिर्फ ट्यूशन फीस का भुगतान किया जाएगा, विदेश में रहने के खर्च नहीं दिया जाएगा। कॉलेज शिक्षा आयुक्त पुखराज सेन ने बताया कि योजना में फिलहाल E-1 श्रेणी ही शामिल की जा रही है।

पिछली सरकार के समय सामने आई थी गडबडियां

पिछली सरकार के समय लागू की गई इस योजना के क्रियान्वयन में कई तरह की गडबडियां सामने आई थी। यह उजागर हुआ था कि कमजोर आय वर्ग के परिवारों के बच्चों के लिए शुरू की गई इस योजना का ज्यादा लाभ प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों और उच्च आय वर्ग के परिवारों के बच्चे उठा रहे हैं। इसे देखते हुए मौजूदा सरकार ने इस योजना में कई बदलाव किए हैं। 

ये हुए हैं बदलाव

  • पहले योजना का नाम राजीव गांधी के नाम पर था, इसे बदल कर विवेकानंद के नाम पर कर दिया गया है।
  • अब तक योजना मे सिर्फ विदेशी विश्वविद्यालय ही शामिल थे। अब नेशनल रैकिंग में पहले 50 स्थानों पर रहने वाले देश के विश्ववविद्यालयो और उच्च शिक्षण संस्थानोंं को भी इसमें शामिल किया गया है। 
  • पहले सिर्फ 200 विद्यार्थियों के लिए योजना थी। अब इसे बढा कर पांच सौ विद्यार्थियो के लिए कर दिया गया है। इसमें से तीन सौ छात्र विदेशी और दो सौ छात्र पढने के लिए जा सकेंगे
  • पहले चरण में पहली श्रेणी और दूसरे चरण में दूसरी श्रेणी के परिवारों के बच्चो को चयन किया जाएगा। पहली औैर दूसरी श्रेणी के परिवारेां के छात्र नहीं मिलने पर ही तीसरी श्रेणी के परिवारों के छात्रों का चयन होगा।
  • आठ लाख से कम आय वर्ग के परिवारों के बच्चों को 50 लाख रूपए तक की स्कॉलरशिप दी जाएगी। इसके साथ ही विदेश में रहने के लिए एक लााख रूपए प्रतिमाह तक का खर्च दिया जाएगा। वहीं आठ से पच्चीस लाख की आय वाले परिवारों के बच्चों को 42 लाख रूपए तक की स्कॉलरशिप दी जाएगी तथा पचास हजार रूपए लिविंग एक्सपेंस के रूप में दिए जाएंगे। ससे अधिक वाले परिवारों के बच्चों को 34 लाख रूपए की स्कॉलरशिप दी जाएगी। रहने का खर्च नहीं दिया जाएगा।

आवेदन प्रक्रिया शुरू

योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पहले चरण की आवेदन प्रक्रिया बीस जून तक चलेगी। इसके बाद अन्य तीन चरणो में आवेदन होंगे जो अगले वर्ष जनवरी तक चलेगे। कॉलेज शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर आवेदन का लिंक दिया गया है जहां ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा।

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