ऊंंचा ऊंचा डूंगरा पर माड़ी तारो...., शारदीय नवरात्रि में औदिच्य समाज के गरबे की रंगत पूरे यौवन पर

Update: 2024-10-10 10:36 GMT

उदयपुर । लक्ष्मीनारायण युवा परिषद एवं परशुराम गरबा मण्डल उदयपुर की ओर पुरोहितों की मादड़ी स्थित दुदाजी के देवरा पर समस्त औदिच्य समाज के नो दिवसीय शारदीय नवरात्री सातवें दिन मातारानी की महाआरती प्रेम शंकर गोन्दावत, गंगा देवी गोन्दावत, जितेन्द्र गोन्दावत, सुनील गोन्दावत, हितेश गोन्दावत, मनीष गोन्दावत परिवार की ओर से की गई। लक्ष्मीनारायण युवा परिदषद के संस्थापक हीरालाल गोकलावत, अध्यक्ष जमनाशंकर धुलावत, नारायण हीरावत, बंशीलाल पतावत व हेमंत बोरीवाला ने बताया कि श्रद्वा व उपासना का पवित्र त्यौहार नवरात्रि की रंगत पूरे यौवन पर है। बेस्ट ड्रेसअप, बेस्ट डांडिया, बेस्ट कपल डांस का निर्णायक मंडल द्वारा चयन किया गया। इनमें 3 वर्ष से 9 वर्ष तक के बच्चे,10 वर्ष से 20 वर्ष तक के बच्चों का व पुरुषों व महिलाओं के बेस्ट डांस, ड्रेस अप, कपल डांस प्रतिस्पर्धा हुई। गरबे के अंत में प्रतिदिन सभी विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण किया गया। गरबा कार्यक्रम को लेकर युवाओं में विशेष उत्साह देखा गया है।

डांडिया रास हेतु महिलाएं, बालक-बालिकाएं व युवक युवतियों ने शिरकत कर देर रात्रि तक माता के गरबो की धुन पर गरबा खेला जा रहा है। परिषद के हितेश व्यास व भोपाजी गणेशलाल औदिच्य ईडाणा ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि क्षेत्रिय पार्षद कमलेश मेहता, धमेन्द्र औदिच्य जावर मांइस, मदनलाल औदिच्य थे। कोषाध्यक्ष मांगीलाल पतावत व जमनेश डूंगावत ने बताया कि उदयपुर। शारदीय नवरात्रि के अनुष्ठानों का दौर इन दिनों शहर सहित पूरे जिलेभर में पूरे यौवन पर है। जोकि देर शाम से शुरू होकर भोर तक डांडिया नृत्यों के साथ मॉ की स्तुति में जमने लगा है। ढोल धमाकों व आर्केटा की थाप पर शहर के शक्तिपीठों, देवी मंदिरों एवं लोक देवता थानको पर विविध आयोजनों का दौर जारी है। इस दौरान देवी प्रतिमाओं का मनोहारी श्रृंगार, महाआरती, तथा प्रसाद के आयोजन भी जारी है।

रात्रि को दैवी मॉ की आरती के पश्चात वाद्य यंत्रों व परम्परागत लोक कलाकारों की मधुर स्वर लहरियों पर गरबा रास प्रारंभ होता जिसमे महिला, पुरूष व बच्चे आकर्षक परिधानों में सज-धज कर देर रात्रि तक इसका जम कर आनंद उठाया। खडक़ पंचमी पर भौर तक गरबा स्थलों पर माता की स्तुति में डांडिये खनकते रहे। औदिच्य समाज गरबा में विशेष श्रृंगार किया तथा प्रतिदिन मॉ की स्तुति में अलग-अलग प्रकार के परिधान पहन कर गरबा नृत्य किया जा रहा है। साथ ही इस दौरान पारंम्परिक गरबों की स्वर लहरियां नगाढ़ों की थाप पर सुनने को मिलती है। गरबा नृत्य में सम्मिलित महिलाएं अति उत्साहित है। पारंपरिक रूपों से गरबा गायन तथा नृत्य हो रहा है जो हमारी भारतीय संस्कृति एवं लोक कला को दर्शा रहा है।

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