सरकार ने कांग्रेस के दावों को किया खारिज कहा-भारत में मोबाइल शुल्क सबसे कम
कांग्रेस ने कहा था कि दूरसंचार कंपनियों को बिना किसी निगरानी और विनियमन के एकतरफा दरों में वृद्धि करने की अनुमति कैसे दी जा सकती है। कांग्रेस के दावों को खारिज करते हुए मंत्रालय ने तर्क दिया कि पिछले दो दशकों में मोबाइल सेवाओं की दरों को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की ओर से संयमित रखा गया है।
सरकार ने कांग्रेस को दावे को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत में मोबाइल शुल्क सबसे कम हैं। देश का मोबाइल सेवा बाजार मांग और आपूर्ति के जरिये संचालित होता है। इसमें तीन निजी दूरसंचार कंपनियां और एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी शामिल हैं।
केंद्रीय संचार मंत्रालय का यह बयान हाल ही में तीन प्रमुख कंपनियों की ओर से मोबाइल शुल्क बढ़ाने जाने के बाद कांग्रेस की आलोचना करने और सवाल उठाने के बाद आया है। बता दें कि कांग्रेस ने कहा था कि दूरसंचार कंपनियों को बिना किसी निगरानी और विनियमन के एकतरफा दरों में वृद्धि करने की अनुमति कैसे दी जा सकती है।
कांग्रेस के दावों को खारिज करते हुए मंत्रालय ने तर्क दिया कि पिछले दो दशकों में मोबाइल सेवाओं की दरों को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की ओर से संयमित रखा गया है। भारत में मोबाइल सेवाओं के ग्राहकों के लिए सबसे कम लागत आती है। मंत्रालय ने अपनी बात पर जोर देने के लिए अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, रूस और अन्य बाजारों में प्रचलित कीमतों का तुलनात्मक चार्ट प्रदान किया। मंत्रालय ने कहा कि भारत में प्रति माह औसत कीमत 1.89 डॉलर है। इसमें असीमित वॉयस कॉल और 18 जीबी डेटा मोबाइल ग्राहकों के लिए उपलब्ध है। जबकि अन्य देशों में दरें बहुत अधिक हैं।