नेपाल में गिरी सरकार, अब चीन समर्थक ओली बनेंगे प्रधानमंत्री

Update: 2024-07-13 05:53 GMT

नई दिल्ली। संसद में विश्वास मत हारने के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने इस्तीफा दे दिया। पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) की अगुवाई वाली पार्टी CPN-UML के समर्थन वापस लेने से 19 महीने पुरानी प्रचंड सरकार मुश्किल में आ गई थी और शुक्रवार को संसद में विश्वास मत के दौरान जरूरी 138 वोट हासिल नहीं कर पाई। 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में महज 63 सांसदों ने उनके पक्ष में वोट किया, जबकि 194 ने उनके खिलाफ मतदान किया। संसद में 258 स्पीकर सहित 258 सांसद मौजूद थे। 25 दिसंबर 2022 को प्रधानमंत्री बनने के बाद दहल (Pushpa Kamal Dahal Prachand) को पांचवीं बार फ्लोर टेस्ट का सामना करना पड़ा है। इससे पहले चार बार वे बहुमत साबित करने में कामयाब रहे थे। स्पीकर देवराज घिमिरे की रिपोर्ट के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल (Ramchandra Poudel) नई सरकार का आह्वान करेंगे।

केपी शर्मा की पार्टी यूएमएल और शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती हैं। सामने आए समझौते के मुताबिक मौजूदा संसद के शेष कार्यकाल के लिए कांग्रेस अध्यक्ष देउबा प्रधानमंत्री होंगे। नई सरकार में ओली डेढ़ साल तक प्रधानमंत्री होंगे। जिस गठबंधन की सरकार बन रही है, उसकी कमान ओली के हाथ है, जिन्हें भारत विरोधी और चीन समर्थक माना जाता है। लेकिन गुरुवार को ही उनकी पार्टी की ओर से दिया गया बयान रिश्तों को सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा सकता है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा था कि नेपाल, भारत के साथ मिलकर ही आर्थिक समृद्धि हासिल कर सकता है।

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