सांसारिक जीवन त्याग, आध्यात्मिक जीवन में प्रवेश कर बने प्रशांत मुनि

आसींद (सुरेंद्र संचेती) सांसारिक जीवन को त्याग कर प्रकाश भाई ने आज आध्यात्मिक जीवन में प्रवेश कर लिया। प्रवेश करने के पश्चात प्रकाश भाई को प्रशांत मुनि का नाम दिया गया। अपनी आत्मा का कल्याण करने के लिए जैन दीक्षा अंगीकार की जाती है। कर्मो का क्षय करने के लिए आध्यात्म के नए जीवन में प्रवेश किया है। संत स्वरूप मुनि एवम दर्शन लता म.सा. के सानिध्य में महावीर भवन में जैन दीक्षा समारोह आयोजित किया गया।

दीक्षा लेने से पूर्व पंच दिवसीय विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए, आज प्रातः दीक्षार्थी भाई का ताराचंद राजेंद्र कुमार रांका के निवास से वर घोड़ा गाजे बाजे के साथ शुरू हुआ जिसमे सकल जैन संघ के श्रावक श्राविकाओं ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। पूरे रास्ते जगह जगह दीक्षार्थी भाई का स्वागत सत्कार किया गया। तेरापंथ संघ के महासती ने भी दीक्षार्थी भाई को मंगलाचरण का पाठ सुनाकर आध्यात्म के मार्ग पर प्रवेश करने पर शुभकामनाएं दी। दीक्षार्थी भाई को वेश परिवर्तन करवाकर जब धर्मसभा में लाया गया तो सभी ने जय घोष के साथ अभिनंदन कर अनुमोदना की। साध्वी दर्शन लता ने शुभ मुहूर्त में 11.48 बजे दीक्षार्थी भाई को दीक्षा प्रदान की एवम संत स्वरूप मुनि ने नव दीक्षार्थी को रजोहरण प्रदान किया। इस अवसर पर तेरापंथ संघ से आए साध्वी ऋषभ प्रभा आदि म.सा.ने मंगल पाठ सुनाया।

समारोह में दीक्षा के लाभार्थी ताराचंद रांका, भंवर लाल कांठेड़, चांद मल चौधरी परिवार का संघ ने अभिनंदन पत्र, माला और शाल से स्वागत सत्कार किया। बाहर से आने वाले विजयनगर, अजमेर, गुलाबपुरा, खारी का लांबा, ब्यावर, भीलवाड़ा, शंभूगढ़, बदनोर, परासोली, केरिया सहित आस पास के पधारे हुए श्री संघों का स्थानीय संघ ने स्वागत किया। समारोह के मुख्य अतिथि किशोर कुमार महावीर कुमार कोटड़िया, अध्यक्षता देवीलाल तातेड़ ने की। आसींद कस्बे में पहली बार जैन दीक्षा आयोजित होने से सकल जैन समाज में हर्ष की लहर व्याप्त थी। संघ अध्यक्ष चंद्र सिंह चौधरी ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार ज्ञापित किया। समारोह का सफल संचालन देवी लाल पीपाड़ा, सुनील कुमार बड़ोला ने किया। इस अवसर पर काव्य कलश सहित अन्य पुस्तको का विमोचन भी किया गया। बड़ी दीक्षा 16 जून को आयोजित होगी जिसका लाभ विजयनगर श्रीसंघ को प्रदान किया गया है।

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