भगवान की कृपा होने पर ही भागवत कथा सुनने का अवसर मिलता है : ललित शरण
अंटाली (सुनील बाबेल) ।सापोला के बालाजी ग्राउंड में रविवार से सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा शुरू हुई।
कथा के पहले नगर में कलश यात्रा निकाली , जो कि सुबह 9 बजे शुरू जो गांव के मुख्य मार्गो से होते हुए बालाजी ग्राउंड पर समाप्त हुई । इसके बाद बालाजी मंदिर में स्थित बालाजी ग्राउंड में दोपहर 12:15 से 4 बजे तक आचार्य पं. ललित शरण महाराज (वृंदावन ) के द्वारा कथा का वाचन किया । कथा के प्रथम दिन पं ललित शरण द्वारा अपने उद्बोधन में श्रीमद् भागवत महात्म्य के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस कलयुग में मनुष्य अपने भावों को सत्संग के जरिए ही स्थिर रख सकता है। सत्संग के बिना विवेक उत्पन्न नहीं हो सकता और बिना सौभाग्य के सत्संग सुलभ नहीं हो सकता ।
श्रीमद् भागवत कथा का 7 दिनों तक श्रवण करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं, मनुष्य अपने जीवन में सातों दिवस को किसी ने किसी देवता की पूजा अर्चना करता है ,लेकिन मानव जीवन में आठवां दिवस परिवार के लिए होता है । महाराज द्वारा जीवन में भजन, और भोजन में अंतर बताते हुए कहा कि भजन में कोई मात्रा नहीं होती ,भजन करने से मानव का मन सीधा ही प्रभु से जुड़ जाता है।
उसी प्रकार भोजन में मात्रा होती है, मनुष्य कोध भोजन को भजन एवं प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए ।स्वामी जी द्वारा कथा वाचन के दौरान कहा गया कि इस कलयुग में केवल भोलेनाथ ही शीघ्र भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं। केवल 3 महीने भोलेनाथ की भक्ति करने से मनुष्य के सब कार्य सिद्ध हो जाते हैं। प्रथम दिन की कथा के समापन से पूर्व आरती की गई ,आरती करने के पश्चात उपस्थित श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया गया।