अगले साल तक भारत में उड़ने वाली टैक्सियां होंगी वास्तविकता, आनंद महिंद्रा ने साझा किया डिटेल्स
आनंद महिंद्रा ने एक्स पर भारत की आगामी फ्लाइंग टैक्सी से पर्दा उठाया। आईआईटी मद्रास के ई-प्लेन में 200 किमी की रेंज, 200 किलोग्राम पेलोड, वर्टिकल टेक-ऑफ/लैंडिंग, 0.5-2.0 किमी की ऊंचाई और 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार है।दशकों से फ्लाइंग टैक्सियों को तकनीकी विकास की ऊंचाई के रूप में देखा जाता रहा है। 2025 में यह भारत में एक वास्तविकता बन सकती है। महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरपर्सन, आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया एक्स पर अपने हैंडल पर भारत की पहली फ्लाइंग टैक्सी के डिटेल्स का खुलासा किया। इसे आईआईटी मद्रास में इनक्यूबेटेड एक कंपनी द्वारा विकसित किया गया है।
महिंद्रा ने आगामी इलेक्ट्रिक प्लेन के बारे में अतिरिक्त डिटेल्स के साथ-साथ तस्वीरें भी साझा की हैं। 200 किमी तक की रेंज के साथ, यह इलेक्ट्रिक ई-टैक्सी सीधे ऊपर उठने और नीचे उतरने (वर्टिकल टेक-ऑफ/लैंडिंग) में सक्षम होगी। इसके अलावा, इन इ-प्लेन्स में 200 किलो की पेलोड क्षमता होगी। इस तरह ये आसानी से एक बार में दो यात्रियों को ले जाने में सक्षम होंगी।
जबकि ज्यादा डिटेल्स को अभी भी गोपनीय रखा गया हैं। कंपनी अभी भी इसे तैयार करने में जुटी है। कंपनी ने बताया था कि ये फ्लाइंग टैक्सियां 0.5 से 2.0 किमी की ऊंचाई पर चलेंगी और 200 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से यात्रा करेंगी। इस तरह ये सड़क पर चलने वाले वाहनों की तुलना में बहुत तेजी से अपनी मंजिल तक पहुंचेंगी।
इन टैक्सियों का किराया उन सड़क टैक्सियों से दोगुना होने की उम्मीद है जिनका हम अक्सर शहरों में इस्तेमाल करते हैं। हालांकि इनमें 10 किमी तक की दूरी तय करने में सिर्फ 10 मिनट लगेंगे, जो सड़क के वाहन के साथ संभव नहीं।
हालांकि प्रोटोटाइप एक आशाजनक पहला कदम है। लेकिन भारतीय हवाई क्षेत्र में इन इलेक्ट्रिक टैक्सियों को चलते हुए देखने से पहले अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है। सुरक्षित और कुशल संचालन के लिए विनियमन और बुनियादी ढांचे का विकास महत्वपूर्ण होगा। फिर भी, कंपनी का कहना है कि एक बार कंपनी के पास बड़ा परिचालन बेड़ा हो जाने के बाद, किराया किसी भी ऐप-आधारित टैक्सी के बराबर हो जाएगा।