बजट के भीतर खरीदना चाहते हैं कार? तो जान लें आफ्टरमार्केट एसेसरीज के फायदे और नुकसान

बजट के भीतर खरीदना चाहते हैं कार? तो जान लें आफ्टरमार्केट एसेसरीज के फायदे और नुकसान
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ऐसी किसी कार को कौन नहीं खरीदना चाहेगा जो अंदर से और बाहर से चमचमाती हुई और फीचर्स से भरपूर हो? जैसे-जैसे त्योहारी सीजन नजदीक आ रहा है, भारतीय कार बाजार एक बार फिर से बिक्री में तेजी देखने के लिए तैयार है। क्योंकि त्योहार वो समय होता है जब संभावित ग्राहक अपने खरीदारी के फैसले को लागू करते हैं। लेकिन भारतीय ग्राहकों के मन में सबसे बड़े सवालों में से एक यह हमेशा रहा है कि क्या पूरी तरह से फीचर्स से लैस होने वाले टॉप वेरिएंट पर पैसा खर्च करना चाहिए। या कम या यहां तक कि बेस वेरिएंट चुनकर पैसे बचा लेने चाहिए।

यदि आपके पास पैसे हैं और ज्यादा खर्च करने का इरादा है, तो आप अपनी पसंदीदा कार के टॉप वेरिएंट के लिए बड़ी रकम का भुगतान कर सकते हैं। हालांकि आपकी कार में सभी फीचर्स का नियमित रूप से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। लेकिन शोरूम से सीधे पूरी तरह से फीचर्स से लैस कार होना हमेशा अच्छा होता है। बेशक, यदि आपके चुने हुए वेरिएंट में ये नहीं हैं तो आप शोरूम से ही कई एसेसरीज फिट करवा सकते हैं। या कुछ ऐसे फीचर्स भी शामिल कर सकते हैं जो टॉप वेरिएंट के बराबर हों या उससे भी ज्यादा। लेकिन कहीं बाहर की बजाय शोरूम से एसेसरीज खरीदना ज्यादा महंगा हो सकता है। भले ही यह अपनी वारंटी के साथ आए।

कार खरीदने की गाइड: एसेसरीज खरीदते समय इन बातों पर ध्यान दें

आप कार के किस वेरिएंट को चुन रहे हैं, इसके बावजूद कुछ एसेसरीज वाहन के साथ मामूली अतिरिक्त कीमत पर आती हैं। हम कार के परफ्यूम, की कवर, जैसी चीजों के बारे में बात कर रहे हैं। अब ये ज्यादातर मामलों में मामूली खर्च हैं और किसी को ज्यादा परेशान नहीं होना चाहिए। लेकिन इसके अलावा कुछ भी, जो विशेष रूप से बेस वेरिएंट से इतर हैं, उनके बारे में एक पूरी जांच की जरूरत है।

इंफोटेनमेंट स्क्रीन

जबकि ज्यादातर यात्री कारों के टॉप वेरिएंट में आमतौर पर एक इंफोटेनमेंट स्क्रीन और कई स्पीकर होते हैं। वहीं, बेस वेरिएंट में ये चीजें नहीं हो सकती हैं। अगर इन्हें किसी विश्वसनीय दुकान से खरीद रहे हैं, तो तब तक कोई समस्या नहीं होनी चाहिए जब तक कि मूल वायरिंग और अंदर की खोल के साथ छेड़छाड़ न की जाए। आमतौर पर, मॉडर्न इंफोटेनमेंट सिस्टम और स्पीकर में कनेक्टिंग मॉड्यूल के साथ तार होते हैं जो 'फिट, प्लग और प्ले' सेट की अनुमति देते हैं।

रियर-व्यू या सराउंड-व्यू कैमरे

आप अपनी कार खरीदने के बाद प्रतिष्ठित ब्रांडों से रियर-व्यू या सराउंड-व्यू कैमरे भी लगवा सकते हैं। आज के समय में एक जरूरी एसेसरी, कैमरे अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं। लेकिन लगभग कभी भी मास-मार्केट कारों के किसी भी निचले ट्रिम के साथ नहीं आते हैं। हालांकि, सिर्फ प्रतिष्ठित ब्रांडों के कैमरे लें।

सीट कवर

यह कंपनी के शोरूम के बाहर की दुकान से खरीदी गई सीट कवर के लिए भी यही बात सही है। यहां बड़ा फायदा यह है कि आप सामग्री की गुणवत्ता और डिजाइन चुन सकते हैं। हालांकि, फिट और फिनिश की गुणवत्ता कार्यकर्ता के कौशल और सामग्री के आपके खुद के मूल्यांकन पर निर्भर करेगी।

अलॉय व्हील

अलॉय भी ऑटोमोबाइल उत्साही लोगों के बीच काफी लोकप्रिय पसंद हैं। और बेस वेरिएंट में आमतौर पर व्हील कैप या हब या स्टील रिम्स होते हैं। अगर कोई फिटिंग करवा रहा है, तो सुनिश्चित करें कि यह सही साइज का है और आपके टायर के साइज में पूरी तरह फिट बैठता है। आमतौर पर पहियों के मूल सेट के बजाय चौड़े या पतले टायर लगाना अच्छा विचार नहीं होता है। क्योंकि यह माइलेज और ड्राइव क्वालिटी पर असर डालता है। जो आमतौर पर नुकसान ही करता है।

इन चीजों से करें परहेज

कहने की जरूरत नहीं है, अपनी नई कार में कोई स्ट्रक्चरल (संरचनात्मक) बदलाव न करें। और हां, इसमें सनरूफ फिट कराना शामिल है। शहर की सबसे प्रतिष्ठित दुकानों के सभी दावों के बावजूद, यह एक बड़ा सुरक्षा खतरा होगा। जो कि संभावित रूप से अवैध होगा और निश्चित रूप से आपकी नई कार को वारंटी कवर से बाहर कर देगा। यह भी याद रखें कि वाहन के आगे या पीछे बुल गार्ड लगवाना अब अवैध है।

वेरिएंट्स के अंतर को समझिए

एक सामान्य नियम के रूप में याद रखिए, अगर किसी कार के बेस वेरिएंट और टॉप वेरिएंट की कीमतों के बीच का अंतर 100 प्रतिशत से अधिक है, तो यह सलाह दी जाती है कि आफ्टरमार्केट पर नजर डालें और देखें कि लोअर वर्जन खरीदने के बाद कौन से टॉप-एंड एसेसरीज फिट किए जा सकते हैं। लेकिन ऐसा कहा जाता है कि, कार कंपनी द्वारा बेस और टॉप के बीच दिए जाने वाले फीचर में अंतर मॉडल दर मॉडल अलग-अलग होगा।

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