कार कैसी भी हो, इसमें होने चाहिए ये पांच जरूरी सेफ्टी फीचर्स, जानें डिटेल्स
आज के जमाने की मॉडर्न कारों में एक से बढ़कर एक फीचर्स दिए जाते हैं। जो खरीदारों के खरीद के कारण का आधार बनती हैं। जानकारों की मानें तो कार में भले ही कुछ फीचर्स न हों तो भी चलेगा। लेकिन सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। कार में सेफ्टी फीचर्स भी महत्वपूर्ण मापदंडों में से एक बन गई है जिसे कोई भी नई कार खरीदते समय देखता है। और जैसे-जैसे खरीदारों के बीच सुरक्षा को अहमियत देने का चलन बढ़ रहा है, कार निर्माता अपने मॉडलों में अतिरिक्त सेफ्टी फीचर्स भी शामिल कर रहे हैं।
भले ही सभी कारों में एडवांस्ड सेफ्टी फीचर्स नहीं हों। लेकिन उनमें कुछ आवश्यक फीचर्स जरूर होने चाहिए। यहां हम आपको ऐसी ही टॉप 5 सेफ्टी फीचर्स के बारे में बता रहे हैं जो हर कार में होनी चाहिए।
एयरबैग
यह सबसे महत्वपूर्ण सेफ्टी फीचर है जो किसी भी कार में होनी चाहिए। क्योंकि एयरबैग किसी संभावित दुर्घटना के दौरान ड्राइवर या सह-यात्री के ऊपरी शरीर या सिर के वाहन के अंदरूनी हिस्से से टकराने की संभावना को कम करते हैं। जबकि कार में डुअल फ्रंट एयरबैग मौजूद होने चाहिए। लेकिन कम से कम छह एयरबैग (साइड और कर्टेन सहित) वाला मॉडल खरीदने की सलाह दी जाती है। यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि एयरबैग को सीटबेल्ट के साथ काम करने के लिए डिजाइन किया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल
यह सेफ्टी फीचर कार के स्टीयरिंग व्हील एंगल के साथ-साथ उसके अलग-अलग पहियों के घुमाव पर नजर रखती है। किसी इमरजेंसी के दौरान, ESC ब्रेक लगाता है और नियंत्रण वापस पाने के लिए इंजन के पावर को बैलेंस करता है। यह उन दुर्घटनाओं से बचने में मदद करता है जो घुमावदार सड़कों में ओवरस्टीयरिंग या अंडरस्टीयरिंग या गीली सड़कों पर कम ट्रैक्शन के मामले में हो सकती हैं।
इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक-फोर्स डिस्ट्रीब्यूशन के साथ एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम
EBD के साथ ABS कार के अचानक ब्रेक लगाने के दौरान मदद करता है। जब कोई अचानक बहुत ज्यादा जोर से ब्रेक लगाता है, तो कार के पहिए लॉक हो जाते हैं और कंट्रोल से बाहर हो जाते हैं। EBD के साथ ABS पहियों को लॉक होने और स्किड होने से रोकता है। इस तरह अचानक ब्रेक लगाने के दौरान भी बेहतर नियंत्रण सुनिश्चित करता है।
ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन
ब्लाइंड स्पॉट सड़क के वे क्षेत्र हैं जिन्हें विभिन्न कारणों से ड्राइवर नहीं देख सकता। ये स्पॉट कई बार दुर्घटना का कारण बन सकते हैं और इसलिए इनकी निगरानी की जरूरत होती है। ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन सिस्टम सेंसर का इस्तेमाल करते हैं। ये कार के ड्राइवर को ऐसी कोई भी जानकारी भेजता है, जिससे वाहन और उसमें सवार लोगों की सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलती है।
टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम
कार के सभी चार टायरों में सटीक एयर प्रेशन वाहन की स्थिरता और बेहतर ड्राइविंग के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, अक्सर ड्राइवर को तुरंत पता नहीं चलता कि टायर का दबाव कम हो गया है। TPMS सिस्टम यहां काम आता है। क्योंकि यह चारों टायरों में से किसी में भी कम एयर प्रेशर होने पर इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर को अलर्ट भेजता है।