डीएल के लिए दे रहे हैं ड्राइविंग टेस्ट? तो इससे पहले जान लीजिए ये पांच बेहद जरूरी बातें
बेहतर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल जिंदगी के हर पहलू पर दिखता है, चाहे वो घर के अंदर हो या बाहर। मॉडर्न टेक्नोलॉजी से देश में ड्राइविंग टेस्ट भी धीरे-धीरे ऑटोमैटिक होते जा रहे हैं। अगर आप किसी अधिकृत ड्राइविंग स्कूल में जाते हैं, तो यह आपको सिम्युलेटेड ड्राइविंग समय के साथ-साथ नियंत्रित वातावरण में वाहन चलाने का व्यावहारिक अनुभव भी देगा।
हालांकि, कुछ महत्वपूर्ण चीजें हैं जो हर ड्राइवर को पता होनी चाहिए। भले ही उनके पास ड्राइविंग का लाइसेंस है या वे इसे हासिल करने में दिलचस्पती रखते हैं। जब आप अपना ड्राइविंग टेस्ट देते हैं तो आपको इन अहम चीजों की जानकारी होनी चाहिए जो आपको ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने में मदद कर सकती हैं।
गाड़ी रिवर्स करना
हर ड्राइवर को अनिवार्य रूप से यह पता होना चाहिए कि आगे की ओर कैसे ड्राइव करना है। लेकिन रिवर्स में ड्राइव करते समय वाहन को कैसे संभालना है, यह जानना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ऑटोमेटड टेस्ट के लिए आपको कर्ब हिट की संख्या या समय सीमा को खत्म किए बिना रिवर्स में एस-आकार बनाने की जरूरत होती है। इस टेस्ट में, आपको कार को उलटी दिशा में चलाते समय सामने के पहियों के लाइन से बाहर न जाने पर भी नजर रखनी होती है।
पैरलल पार्किंग
जब रिवर्स में किया जाता है तो पैरलल पार्किंग आसान होती है। ड्राइविंग टेस्ट में आपको पहले आगे बढ़ने और फिर स्पॉट पर रिवर्स करने के लिए कहा जाता है। अगर आपने इस हुनर का अभ्यास करने के लिए पर्याप्त समय लिया है, तो यह बहुत चुनौतीपूर्ण नहीं होगा। सुनिश्चित करें कि आप इसका अभ्यास करते समय कार के लिए विजुअल रेफरेंस पॉइन्ट सेट करें। रिवर्स पार्किंग कैमरे और डायनैमिक गाइडलाइंस वाली कारें इस टेस्ट में मदद कर सकती हैं। लेकिन फिर से, अगर सिस्टम विफल हो जाता है तो आपको निश्चित रूप से पता होना चाहिए कि हमारे जैसे जगह की कमी वाले देश में ठीक से कैसे पार्क किया जाए।
हिल स्टॉप-होल्ड एंड स्टार्ट
नए ड्राइवरों के लिए हिल स्टार्ट करना सबसे मुश्किल कामों में से एक हो सकता है। कुछ कारों में हिल-होल्ड असिस्ट नाम का एक फीचर होता है। जो आपको टेस्ट में धोखा देने में मदद कर सकती है। लेकिन सिस्टम के नाकाम होने की स्थिति में आपको इस हुनर को सीखना बहुत जरूरी है। इसके लिए प्रैक्टिस शुरू करने की सलाह यह है कि हल्की ढलानों से शुरुआत करें। एक बार जब आपका आत्मविश्वास बन जाए तो धीरे-धीरे ढाल बढ़ाई जा सकती है।
ओवरटेक और जंक्शन स्टॉप
ओवरटेक और जंक्शन स्टॉप टेस्ट एक साथ रखे जाते हैं। ओवरटेकिंग वास्तव में एक वास्तविक ओवरटेकिंग स्थिति नहीं है, बल्कि टेस्ट ट्रैक के दोनों ओर रखे गए कुछ कोन के जरिए गाड़ी को निकालना है। जंक्शन स्टॉप के ठीक बाद आपको रेड सिग्नल पर रुकना होगा। और जब सिग्नल हरा हो जाए तो आगे बढ़ना होगा।
8-फॉर्मेशन/यू-टर्न
अपने वाहन से 8 बनाना डरावना लगता है, लेकिन यह वास्तव में इतना बड़ा काम नहीं है। इसे एक पंक्ति में दो यू-टर्न लेने के रूप में समझा जा सकता है। इस टेस्ट को देते समय आपको बस एक बात का ध्यान रखना है, कि यह सुनिश्चित करना है कि आप फुटपाथ को न छू रहे हों। ज्यादातर लोग कार के आगे के हिस्से पर ध्यान केंद्रित करते हैं और पीछे के पहियों पर नजर डालना भूल जाते हैं। जो इस मूव को करते समय फुटपाथ को छू सकते हैं।