सकारात्मक माहौल के बावजूद नवंबर में कार की बिक्री में आई गिरावट
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के आंकड़ों से पता चला है कि 2023 के नवंबर की तुलना में पिछले महीने यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री में 13.72 प्रतिशत की गिरावट आई है।नवंबर में मजबूत प्रदर्शन की उच्च उम्मीदों के बावजूद, भारत में कार बाजार ठंडा रहा। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के आंकड़ों से पता चला है कि 2023 के नवंबर की तुलना में पिछले महीने यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री में 13.72 प्रतिशत की गिरावट आई है। ऐसा इस उम्मीद के बावजूद है कि देश के ज्यादातर हिस्सों में शादी के मौसम के साथ-साथ अक्तूबर के आखिर में दिवाली से होने वाले पंजीकरण में बढ़ोतरी से बिक्री में तेजी आएगी।
सोमवार को जारी FADA (फाडा) के आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर में दोपहिया (15.8 प्रतिशत बढ़ोतरी), तिपहिया (4.23 प्रतिशत) और ट्रैक्टर (29.88 प्रतिशत) सेगमेंट ने अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन चिंता का कारण यात्री वाहन सेगमेंट का प्रदर्शन रहा। वाणिज्यिक वाहनों का सेगमेंट भी साल-दर-साल 6.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ प्रभावित करने में असफल रहा।
भारत में कार की बिक्री में मंदी क्यों?
नवंबर में देश में कार की बिक्री में 13.72 प्रतिशत की गिरावट (साल-दर-साल आधार पर) आई। जबकि महीने-दर-महीने आधार पर इसमें 33.37 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई। FADA के अनुसार, डीलरों ने कमजोर बाजार भावना, सीमित उत्पाद विविधता और अपर्याप्त नए लॉन्च का हवाला दिया है। साथ ही त्योहारी मांग के अक्तूबर में स्थानांतरित होने से भी कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
समस्याएं मुख्यतः प्रमुख शहरी क्षेत्रों में हैं, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में मांग सकारात्मक रही है। लेकिन यह प्रमुख महानगरों के साथ-साथ अन्य टियर I और II शहरों में कमजोर प्रदर्शन की भरपाई करने में असमर्थ रही है।
इस तरह, इन्वेंट्री का स्तर मोटे तौर पर लगभग 65 से 68 दिनों के आसपास है। और FADA वाहन निर्ताओं से इन्वेंट्री को और ज्यादा तर्कसंगत बनाने की अपील कर रहा है। ताकि उद्योग नए साल में स्वस्थ स्थिति में प्रवेश कर सके।
कार बाजार के लिए अवसर और चुनौतियां
दिसंबर कार निर्माताओं के लिए एक और चुनौतीपूर्ण महीना होने की संभावना है। क्योंकि हर कैलेंडर वर्ष के आखिरी महीने में आम तौर पर खरीदारों की ओर से कम मांग देखी जाती है। हालांकि, ब्रांड्स के साथ-साथ डीलरशिप स्तर पर मिलने वाले डिस्काउंट और ऑफर बिक्री में कुछ तेजी ला सकते हैं।
लगभग हर निर्माता ने 1 जनवरी से कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की है और इससे भी बिक्री में तेजी आ सकती है। FADA ने खरीफ की बंपर फसल की संभावनाओं की ओर भी इशारा किया है। जिससे खाद्य मुद्रास्फीति में कमी आने की संभावना है। और बदले में, व्यापक मैक्रोइकॉनोमिक वातावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है।
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लेकिन सतर्क आशावाद ही समाधान रहा है। देश में कार खरीदने वाले ज्यादातर संभावित खरीदार 2025 तक अपनी खरीद की योजना टाल सकते हैं। और नए मॉडल आने तक इंतज़ार कर सकते हैं। 17 से 22 जनवरी के बीच दिल्ली में होने वाले भारत मोबिलिटी एक्सपो में कई कार मॉडल या तो पेश किए जा सकते हैं या लॉन्च किए जा सकते हैं।