हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डिमांड तेजी से बढ़ी, पेट्रोल गाड़ियों की बिक्री में गिरावट

हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डिमांड तेजी से बढ़ी, पेट्रोल गाड़ियों की बिक्री में गिरावट
X

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ-साथ मजबूत हाइब्रिड गाड़ियों की मांग तेजी से बढ़ रही है। ऑटोमोबाइल कंपनियों की बिक्री के आंकड़े बताते हैं कि वित्तीय वर्ष 2025 में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक दोनों तरह के वाहनों की बिक्री में 18% की वृद्धि हुई है।

क्या कहते हैं आंकड़े?

SIAM (सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) के अनुसार, FY25 में 1.05 लाख यूनिट हाइब्रिड गाड़ियां बिकीं, जबकि इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री 1.18 लाख यूनिट रही। इस बढ़त के पीछे टाटा मोटर्स, एमजी मोटर और महिंद्रा जैसी कंपनियों के नए इलेक्ट्रिक मॉडल्स की बड़ी भूमिका रही है। वहीं पेट्रोल वाहनों की मांग में 6.6% की गिरावट आई है और यह संख्या अब घटकर 24.82 लाख यूनिट पर आ गई है।

वाहन निर्माता कंपनियों का फोकस अब अपने हाइब्रिड पोर्टफोलियो को मजबूत करने पर है। मारुति सुजुकी इस साल एक नई हाइब्रिड SUV (कोडनेम Y17) लॉन्च करने जा रही है। वहीं होंडा ने अपनी City सेडान के हाइब्रिड वर्जन में अच्छी पकड़ बना ली है, जिसकी बिक्री 9-10% से बढ़कर अब 15% हो गई है।

कोरियन कंपनियां किआ और हुंडई अगले साल भारत में अपना पहला मजबूत हाइब्रिड मॉडल लॉन्च करने की तैयारी में हैं। इसके अलावा XUV 3XO का हाइब्रिड वर्जन भी तैयार किया जा रहा है।

सरकार लागू करेगी नए CAFE नियम

सरकार ‘कॉरपोरेट एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी (CAFE 3)’ मानकों को लागू करने की योजना पर काम कर रही है, जिससे वाहन निर्माताओं को हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए अधिक छूट मिल सकेगी। यह मानक कंपनियों को कम उत्सर्जन वाले वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देगा।

इन्फ्रास्ट्रक्चर बना चुनौती

हालांकि सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए GST में कटौती, रोड टैक्स माफी और टैक्स में छूट जैसे कई कदम उठाए हैं, लेकिन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इसी कारण से ग्राहक सुविधाजनक विकल्प के तौर पर हाइब्रिड वाहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

Next Story