भारत में दोपहिया वाहन बिक्री 2025 में नया रिकॉर्ड बना सकती है: इक्रा,मजबूत वृद्धि की उम्मीद

दिल्ली रेटिंग एजेंसी ICRA की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष (FY26) में भारत का दोपहिया वाहन बाजार 6-9% की वृद्धि के साथ नया रिकॉर्ड बना सकता है। यह वृद्धि लगातार बढ़ती रिप्लेसमेंट डिमांड, शहरी क्षेत्रों में उपभोक्ता खर्च में सुधार, सामान्य मानसून से ग्रामीण आय में वृद्धि और संभावित GST दरों में कटौती जैसे कारकों से प्रेरित होगी।
GST कटौती से मिलेगा बढ़ावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेत दिए हैं कि केंद्र सरकार दोपहिया वाहनों और छोटे पैसेंजर वाहनों पर GST दरों में कटौती के लिए सरल GST व्यवस्था पर काम कर रही है। वर्तमान में 350cc से कम के वाहनों पर 28% GST और उससे ऊपर के वाहनों पर 31% (3% सेस सहित) GST लागू है। प्रस्तावित 18% GST दर बाजार में किफायतीपन बढ़ा सकती है, जिससे फेस्टिव सीजन में मांग को और बल मिलेगा।
थोक बिक्री में उछाल, रिटेल में चुनौतियां
जुलाई 2025 में दोपहिया वाहनों की थोक बिक्री में 9% की वृद्धि दर्ज की गई, जो 15 लाख यूनिट तक पहुंच गई। यह वृद्धि OEMs द्वारा फेस्टिव सीजन से पहले मजबूत डिस्पैच के कारण संभव हुई। हालांकि, शहरी क्षेत्रों में कमजोर मांग और ग्रामीण इलाकों में भारी बारिश के कारण रिटेल बिक्री में 6.5% की गिरावट आई। ICRA को उम्मीद है कि आगामी त्योहारी सीजन में रिटेल मांग में उल्लेखनीय सुधार होगा।
निर्यात में शानदार प्रदर्शन
जुलाई 2025 में दोपहिया वाहनों का निर्यात 32% बढ़ा, जो वैश्विक बाजारों में भारत की मजबूत स्थिति को दर्शाता है। यह वृद्धि उद्योग के लिए सकारात्मक संकेत है और FY26 में निर्यात के और बढ़ने की उम्मीद है।
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की स्थिति
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों (e2W) की बिक्री में जुलाई 2025 में 2% की मामूली गिरावट देखी गई, जिसमें कुल 1,02,900 यूनिट बिके। फिर भी, e2W की बाजार हिस्सेदारी 6-7% के बीच स्थिर है। FY2023-24 में e2W की बिक्री 9,10,930 यूनिट रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 682,937 यूनिट से अधिक है।
भविष्य का परिदृश्य
ICRA का अनुमान है कि FY26 में दोपहिया उद्योग 6-9% की वृद्धि के साथ प्री-कोविड स्तर को पार कर सकता है। फेस्टिव सीजन, GST कटौती की संभावना और निर्यात में वृद्धि इस सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है। बाजार का मूल्य 2024 में 24.9 मिलियन यूनिट था, जो 2033 तक 92 मिलियन यूनिट तक पहुंच सकता है, जिसमें 15.64% की CAGR दर्ज की जा सकती है।
