भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 55.2% की बढ़ोतरी,दोपहिया वाहन सबसे आगे
जुलाई में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में सालाना आधार पर प्रभावशाली 55.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जो 1,79,038 यूनिट्स तक पहुंच गई।फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में सालाना आधार पर प्रभावशाली 55.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जो 1,79,038 यूनिट्स तक पहुंच गई। यह मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में तेजी से बढ़ोतरी के कारण हुआ, जो 96 प्रतिशत बढ़ी।
जुलाई 2023 में, इलेक्ट्रिक वाहनों की कुल बिक्री 1,16,221 यूनिट्स रही। समीक्षाधीन अवधि के दौरान ई-टू-व्हीलर सेगमेंट ने शानदार बढ़त दर्ज की। जिसमें बिक्री पिछले साल इसी महीने में 54,616 यूनिट्स से बढ़कर 1,07,016 यूनिट्स हो गई, जो 95.94 प्रतिशत की बढ़ोतरी को दर्शाती है। यह इजाफा खासतौर पर दोपहिया वाहन सेगमेंट में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सॉल्यूशंस के लिए उपभोक्ताओं की बढ़ती दिलचस्पी के कारण हो सकता है।
यात्री वाहनों की बिक्री में गिरावट
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन सेगमेंट में बढ़ती ट्रेंड के उलट, इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों की बिक्री में जुलाई में मामूली 2.92 प्रतिशत की गिरावट आई। जो पिछले साल इसी महीने में 7,768 यूनिट्स से घटकर 7,541 यूनिट्स रह गई।
इसके साथ, कुल यात्री वाहन सेगमेंट में इलेक्ट्रिक यात्री वाहन सेगमेंट की हिस्सेदारी 2.4 प्रतिशत बनी हुई है।
FADA के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा कि जुलाई 2024 के लिए कुल दोपहिया वाहन बाजार में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन सेगमेंट की बाजार हिस्सेदारी 7.4 प्रतिशत रही।
उन्होंने कहा, "जुलाई 2024 के लिए टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर ईवी सेगमेंट में क्रमशः 95.94 प्रतिशत और 18.18 प्रतिशत की सालाना बढ़ोतरी दर और क्रमशः 7.4 प्रतिशत और 57.6 प्रतिशत के बाजार हिस्सा के साथ बढ़ी हुई बाजार हिस्सेदारी भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती स्वीकार्यता और मांग का स्पष्ट संकेत है।"
उन्होंने आगे बताया कि आकर्षक छूट और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम के अंत में उम्मीद से बिक्री में काफी इजाफा हुआ।
EMPS स्कीम का विस्तार
पहले की घोषणा के मुताबिक, भारी उद्योग मंत्रालय ने EMPS की प्रभावी तारीख को 1 अप्रैल, 2024 से बढ़ाकर 31 जुलाई, 2024 कर दी, और अब इसे 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है। देश में ईवी को अपनाने में तेजी लाने के लिए मंत्रालय द्वारा योजना के परिव्यय को 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 778 करोड़ रुपये कर दिया गया है।