नेशनल हाईवे यूजर्स के लिए टोल पर बड़ी राहत जल्द आ रही है, नितिन गडकरी का एलान

मध्यम वर्ग को आयकर में राहत देने के कुछ दिनों बाद, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि मोदी सरकार अब राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाईवे) उपयोगकर्ताओं को फायदा पहुंचाने के लिए एक समान टोल नीति पर काम कर रही है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यात्रियों को "जल्द ही" राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा, "हमारा शोध पूरा हो चुका है और इस योजना का जल्द ही खुलासा किया जाएगा।" हालांकि, गडकरी ने यह साफ नहीं किया कि टोल समाप्त किया जाएगा या घटाया जाएगा।
बैरियर-रहित टोल कलेक्शन प्रणाली पर काम जारी
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक बैरियर-रहित ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित टोल संग्रह प्रणाली पर काम कर रही है।
उनकी यह टिप्पणी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मध्यम वर्ग को अब तक की सबसे बड़ी कर छूट देने के कुछ दिनों बाद आई।
वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में, उन्होंने घोषणा की कि 12.75 लाख रुपये प्रति वर्ष तक की आय वाले व्यक्तियों को कोई कर नहीं देना होगा। इससे लगभग एक करोड़ करदाताओं को लाभ होगा।
टोल टैक्स पर मीम्स पर नितिन गडकरी की प्रतिक्रिया
नितिन गडकरी ने टोल संग्रह से जुड़े मीम्स पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि वह जानते हैं कि सोशल मीडिया पर उनके कई कार्टून और मीम्स वायरल हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, "बहुत से लोग मुझे सोशल मीडिया पर ट्रोल करते हैं। लोग टोल को लेकर थोड़ा नाराज हैं। मैं केवल इतना कह सकता हूं कि यह गुस्सा कुछ दिनों में खत्म हो जाएगा।"
गौरतलब है कि, वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्गों पर निजी कारों की हिस्सेदारी लगभग 60 प्रतिशत है, जबकि इनसे प्राप्त टोल राजस्व 20-26 प्रतिशत के बीच होता है।
भारत, जहां दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है और राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 1,46,195 किलोमीटर है। वहां 2023-24 में कुल टोल संग्रह 64,809.86 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी है।
2019-20 में टोल संग्रह 27,503 करोड़ रुपये था।
दिसंबर 2024 में लोकसभा में एक बयान में, गडकरी ने बताया कि 2000 से अब तक सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत संचालित टोल प्लाजाओं से लगभग 1.44 लाख करोड़ रुपये उपयोगकर्ता शुल्क के रूप में एकत्र किए गए हैं।
यमुना में उतरेगा प्लेन?
नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि दिल्ली से बहने वाली यमुना नदी को साफ किया जाएगा और उसे विमान लैंडिंग स्ट्रिप में बदला जाएगा।
जब उनसे यमुना के भविष्य के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उनके पास इसके लिए योजना है।
उन्होंने कहा, "यह गुजरात में भी किया गया था। साबरमती नदी को लैंडिंग स्ट्रिप के रूप में इस्तेमाल किया गया था।"
गडकरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2020 में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास सी-प्लेन सेवा शुरू करने का उदाहरण दिया, जब उन्होंने खुद पहली उड़ान भरी थी।
प्रधानमंत्री ने डुअल इंजन वाले विमान की पहली उड़ान पर यात्रा की थी।
उन्होंने कहा कि यमुना के लिए भी ऐसी ही योजना बनाई जा रही है।
"आप दिल्ली से उड़ान भरकर 13 मिनट में आगरा पहुंच सकते हैं और उसी दिन वापस आ सकते हैं।"