इलेक्ट्रिक कार की बैटरी की बदलने पर होता है लाखों रुपये का खर्च,ईतनी होती है उम्र
भारतीय बाजार में भी EV की मांग में बढ़ोतरी हो रही है। इलेक्ट्रिक कारों में बैटरी की उम्र कितनी होती है। इसके साथ ही इनको बदला जाए तो फिर कितना खर्च आता है। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।
सबसे महंगा पार्ट
इलेक्ट्रिक कार की तकनीक भले ही नई हो, लेकिन देश में काफी तेजी से इसे अपनाया जा रहा है। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो यह मानते हैं कि इलेक्ट्रिक कार भले ही शुरूआत में सस्ती हो, लेकिन लंबे समय में देखा जाए तो यह काफी महंगी भी पड़ सकती है। इसका सबसे बड़ा कारण इसकी बैटरी का सबसे ज्यादा महंगा होना है। जिस तरह पेट्रोल या डीजल कार में इंजन सबसे महंगा हिस्सा होता है, वैसे ही इलेक्ट्रिक कार में मोटर और बैटरी दो ही सबसे महंगे पार्ट होते हैं।होम
कितनी है उम्र
आमतौर पर कंपनियों की ओर से जानकारी दी जाती है कि वह इलेक्ट्रिक कार में लगने वाली बैटरी को इस तरह से बनाती हैं, जिससे उनको कई सालों तक बिना परेशानी चलाया जा सके। ज्यादातर कंपनियों की ओर से तो अपनी कार में बैटरी पर आठ साल या 1.60 लाख किलोमीटर तक की वारंटी भी दी जाती है। लेकिन जिस तरह किसी अन्य ईंधन से चलने वाली कार को चलाने के तरीके पर यह निर्भर करता है कि उसे कितने लंबे समय तक चलाया जा सकता है, वैसे ही इलेक्ट्रिक कार की बैटरी को भी सही तरह से उपयोग में लाया जाए तो फिर इसे आसानी से आठ से 10 साल तक बिना परेशानी चलाया जा सकता है। लेकिन अगर लापरवाही की जाए तो फिर इसकी उम्र कम हो जाती है।
ईतना आता है खर्च
अगर किसी भी कारण से इलेक्ट्रिक कार की बैटरी को बदलना पड़ जाए तो फिर यह प्रक्रिया काफी महंगी साबित हो सकती है। सामान्य स्थिति में कार की कुल कीमत का 50 फीसदी तक बैटरी और उससे जुड़े पार्ट्स का खर्च हो सकता है। कुछ कारों में तो यह इससे भी ज्यादा हो सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक टाटा की ओर से नेक्सन ईवी को 14.49 लाख रुपये की कीमत पर ऑफर किया जाता है, लेकिन इसकी बैटरी बदली जाए तो फिर इसमें करीब सात लाख रुपये तक खर्च हो सकते हैं।