भक्तों से छीन कर पुलिस वाहन में बिठाई भगवान गणेश की प्रतिमा: बेशर्मी भरा अपमान और आस्था पर हमला- केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

बेशर्मी भरा अपमान और आस्था पर हमला- केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
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कर्नाटक के मांड्या जिले के नागमंगला कस्बे में 11 सितंबर 2024 को गणपति विसर्जन के दौरान पथराव के बाद से हालात तनावपूर्ण है। घटना के बाद भगवान गणेश की एक प्रतिमा को पुलिस कर्मियों द्वारा भक्तो से छीनकर पुलिस वाहन में बैठा दी गई। घटना के समय का वीडियो और फोटो अब जमकर देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। भगवान गणेश के भक्त और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, गिरिराज सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सहित कई नेता इस फोटो को शेयर करते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं।


केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि कांग्रेस द्वारा हिंदू भावनाओं के प्रति खुलेआम अवमानना करना भयावह है। कर्नाटक में पुलिस वाहन में भगवान गणेश की विचलित करने वाली तस्वीर उनके गहरे असम्मान और घृणा को दर्शाती है। कांग्रेस और उसके सहयोगी दल जो महाराष्ट्र में विपक्ष में भी बैठे हैं, ने हिंदू आस्था का अपमान करने और हमारे देवताओं का अनादर करने की आदत बना ली है। भगवान गणेश करोड़ों भारतीयों के गौरव और भक्ति का प्रतीक हैं। यह बेशर्मी भरा अपमान हर हिंदू पर हमला है। महाराष्ट्र इसे याद रखेगा और निश्चित रूप से उन ताकतों को कुचल देगा जो हिंदू आस्था और गौरव को चुनौती देने की हिम्मत करती हैं!

वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने भगवान गणेश को कैद कर लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए सिर्फ एक ही देवता है और वह है राहुल गांधी।


गौरतलब है कि 11 सितंबर को गणेश विसर्जन के लिए यात्रा निकालते समय कर्नाटक के मांड्या जिले के नाग मंगला कस्बे में पथराव और आगजनी की घटना हुई। इस मामले में मामले में पुलिस इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस ने शुक्रवार (13 सितंबर 2024) को 10 प्राथमिकी दर्ज की है। घटना में शामिल अब तक 56 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 90 अन्य की तलाश की जा रही है। वहीं, शिक्षण संस्थानों में छुट्टी कर दी गई है।

इस बीच दंगों के दौरान ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में शुक्रवार को एक पुलिस इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया। पुलिस इंस्पेक्टर अशोक कुमार पिछले साल भी गणेश चतुर्थी के दौरान इसी तरह की दंगे की घटना के बारे में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देने में विफल रहे थे। इस बार भी अशोक कुमार सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने में विफल रहे थे।

मांड्या के एसपी मल्लिकार्जुन बालादंडी ने कहा कि मांड्या के बदरीकोप्पलु गाँव में मस्जिद के पास का स्थान संवेदनशील क्षेत्र है। वहाँ और अधिक सुरक्षा बल तैनात किए जा सकते थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि हिंसा और दंगे के लिए 150 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। BNSS की धारा 16, 109, 115, 118, 121, 132, 189, 190 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

पुलिस इलाके की सीसीटीवी फुटेज जुटाकर आरोपितों की पहचान कर रही है और उनके बारे में जानकारी जुटा रही है। इस तरह शुक्रवार को भी पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले गिरफ्तार किए गए 52 आरोपितों को गुरुवार (12 सितंबर) की शाम को अदालत में पेश किया गया। मंड्या जिला अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

सबूत जुटाने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम ने गुरुवार को घटनास्थल का दौरा किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है। पुलिस विभाग ने 14 सितंबर तक कर्फ्यू लगा दिया है। वहीं, अगले आदेश तक स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। पुलिस ने स्थिति को देखते हुए नागमंगला शहर में फ्लैग मार्च किया और इलाके में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।

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