ऐप के एजेंटों ने पुलिस से बचने का भी ढूंढ निकाला तरीका,: महादेव ऐसे चल रहा ऑनलाइन सट्टेबाजी का शातिर खेल

दुबई में महादेव बुक सट्टा एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की भले ही गिरफ्तारी हो गई हो, लेकिन उसका काला कारोबार अब भी बेधड़क देश-विदेश में चल रहा है।राजस्थान और भीलवाड़ा भी ऐसे अछूता नहीं है।शातिर सट्टेबाजों ने पुलिस व जांच एजेंसी की नजरों से बचने अब विदेशी नंबरों से सट्टेबाजी का खेल संचालित करना शुरू किया है, ताकि आसानी से उनकी पहचान न हो पाए। महादेव बुक का हेल्पलाइन नंबर भी अब विदेशी हो गया है।एक सूत्र का दावा है कि एप की ऑनलाइन आईडी अब पैनल ऑपरेटरों को लोटस 365 से दी जा रही है। इसमें विदेशी नंबरों का इस्तेमाल किया जा रहा है, हालांकि लोटस 365 महादेव बुक से जुड़ा हुआ है, लेकिन दिखावे के तौर पर इसके प्रमोटर जरूर अलग है। महादेव बुक के एजेंट जयपुर, भीलवाड़ा, ब्यावर चित्तौड़गढ़ समेत अन्य जिलों में अभी भी काम कर रहे। महाराष्ट्र, दिल्ली में बैठे पैनल ऑपरेटर ही इन एजेंटों को दो से पांच लाख रुपये में विदेशी नंबरों से ऑनलाइन आईडी देने का काम कर रहे है। भीलवाड़ा में भी इस तरह के धंधे के कई एजेंट बताए गए हैं जो जयपुर और दुबई में काम कर रहे हैं।

सट्टेबाजी का शातिर खेल

ऑनलाइन सट्टेबाजी का गोरखधंधा अभी भी धड़ल्ले से चल रहा है और इस पर लगाम लगाने में पुलिस भी फेल साबित हो रही है। उसके चंगुल से बच निकलने को लिए अपराधियों ने और भी शातिर तरीके ढूंढ लिए हैं जिन्हें ट्रेस करना बेहद मुश्किल काम है। इधर ऑनलाइन सट्टेबाजी में लिप्त रहे महादेव सट्टा एप के संचालक सौरभ चंद्राकर को दुबई में गिरफ्तार किया गया है।

जानकार सूत्रों ने बताया कि बेटिंग एप से जुड़े शातिर सट्टेबाज वाट्सएप के लिए अब विदेशी नंबर से एजेंटों से संपर्क कर इसी से लोटस 365 की आईडी बांटने का काम कर रहे है। ईडी की जांच में भी इसका राजफास हो चुका है। महादेव बुक से जुड़े एजेंट रायपुर ही नहीं प्रदेशभर में सक्रिय है। गौरतलब है कि महादेवबुक के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की यूएई में गिरफ्तारी और पार्टनर रवि उप्पल को नजरबंद करने के बाद शुभम सोनी की भी तलाश की जा रही है। तीनों के खिलाफ ईडी और ईओडब्ल्यू में अपराध दर्ज है,

पुराने एजेंट बांट रहे पैनल

पुख्ता जानकारी मिली है कि लोटस 365 से जुड़े सटोरिए महादेव सट़्टा एप के पुराने एजेंटों के जरिए आईडी बांट रहे हैं। हालांकि, रायपुर, दुर्ग के ज्यादातर बड़े पैनल ऑपरेटर पुलिस की गिरफ्त से बचने आसपास के राज्यों में बैठकर यह काम कर रहे है, क्योंकि पहले ये पकड़े जा चुके हैं। जबदिल्लीजयपुरजयपुर और दुबई में रहकर यह काम संचालित कर रहा है।

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