ब्यावर की बेटी को दस साल बाद मिला न्याय: -कातिल पति अब्दुल हमीद को आजीवन कारावास

-कातिल पति अब्दुल हमीद को आजीवन कारावास
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भीलवाड़ा बीएचएन। दूसरी शादी करने के इरादे से पहली पत्नी की गला दबाकर हत्या करने के बाद शव घसीटकर रेलवे ट्रैक पर फैंकने के आरोपित पति तेलीपाड़ा हुरड़ा रोड़ गुलाबपुरा निवासी अब्दुल हमीद पुत्र अब्दुल गनी को एडीजे (महिला उत्पीडऩ प्रकरण) ने आजीवन कारावास के साथ ही 30 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशिष्ट लोक अभियोक संजु बापना ने ट्रायल के दौरान 35 गवाह के अदालत में बयान दर्ज करवाते हुये 62 दस्तावेज पेश कर अब्दुल हमीद पर लगे आरोप सिद्ध करवाये।

प्रकरण के अनुसार, कासाबान मोहल्ला, बैरवा गली ब्यावर निवासी मंजुर पुत्र मसूर कुरैशी ने 6 अप्रैल 2014 को गुलाबपुरा थाने में रिपोर्ट दी कि उसकी बहन नुरुनिशा उर्फ मेहरुनिशा 22 ने अब्दुल हमीद पुत्र अब्दुल गनी कुरैशी से विवाह कर 27 जून 2010 को अजमेर दरगाह में निकाह कर लिया। 30 जून को नुरुनिशा को अब्दुल हमीद ने ब्यावर स्थित उसके घर छोड़ दिया और 10-15 दिन में लेने आने की बात कही, लेकिन वह नहीं आया। एक महीने बाद नूरनिशा खुद चलकर गुलाबपुरा अब्दुल हमीद के पास गई। लेकिन उसी दिन अब्दुल हमीद ने उसे वापस ब्यावर भेज दिया। 11 माह बाद पीहर पक्ष को पता चला कि अब्दुल हमीद नसीराबाद में दूसरी सगाई कर रहा है। नुरुनिशा के परिजन नसीराबाद पहुंचे और पंचों को बताया तो उन्होंने यह सगाई नहीं करने की बात कही। लेकिन उन्होंने सगाई कर दी। इसके चलते नुरुनिशा ने दहेज व घरेलु हिंसा का केस लगाया। यह केस नुरुनिशा जीत गई। अब्दुल हमीद के खिलाफ 18 हजार रुपये का कुर्की वारंट जारी हो गया। इसके बाद अब्दुल हमीद, नुरुनिशा को राजीनामा करने की बात कहकर बहला कर गुलाबपुरा ले गया। इसकी जानकारी नुरुनिशा ने अपनी बहन को फोन से दी। बाद में नुरुनिशा का परिजनों से संपर्क नहीं हुआ। आरोपित अब्दुल हमीद भी फोन काट देता और गाली-गलौच करता। इस पर परिवादी पक्ष ने 31 मार्च को एसपी को रिपोर्ट दी। 6 अप्रैल 14 को गुलाबपुरा थाने गये, जहां पुलिस ने कपड़े, चूडिय़ा आदि दिखाई जो नुरुनिशा की थी। इस पर नुरुनिशा की हत्या कर सबूत मिटाने के आरोप में यह रिपोर्ट दी। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच की। पुलिस ने आरोपित अब्दुल हमीद को गिरफ्तार कर तफ्तीश की। तफ्तीश से पुलिस ने पाया कि अब्दुल हमीद की निरुनिशा से निकाह होने के बाद उसके पिता अब्दुल गनी की मौत हो गई। मृत आश्रित कोटे से अब्दुल हमीद की बिजली विभाग में लाइनमैन पद पर सरकारी नौकरी लग गई। यह आरोपित निरुनिशा से पीछा छुड़ाकर दूसरी शादी करना चाहता था। इसी के चलते आरोपित ने निरुनिशा की गला दबाकर हत्या करने के बाद लाश को रेलवे ट्रैक पर डाल दिया था।

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