हनुमन्त कथा के दूसरे दिन भी उमड़ा आस्था का सैलाब, कल सुबह लगेगा दिव्य दरबार

हनुमन्त कथा के दूसरे दिन भी उमड़ा आस्था का सैलाब, कल सुबह लगेगा दिव्य दरबार
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सनातन धर्म की महिमा निराली, सनातनियों को गले लगाओ सब एकजुट हो जाओ-बागेश्वरधाम सरकार

निंदा से मत घबराओ, निंदा उसी की होती जो जिंदा होते है

हनुमन्त कथा के दूसरे दिन भी उमड़ा आस्था का सैलाब, कल सुबह लगेगा दिव्य दरबार

भीलवाड़ा,। आध्यात्मिक गुरू व कथावाचक बागेश्वरधाम सरकार धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री महाराज के मुखारबिंद से पांच दिवसीय हनुमन्त कथा का दूसरे दिन गुरूवार को आस्था का ऐसा सैलाब उमड़ा कि विशाल पांडाल भी छोटा प्रतीत होने लगा। क्या शहर ओर क्या गांव कथा सुनने के लिए हर जगह से भक्तगण कथास्थल पहुंच गए। हनुमन्त कथा श्रवण कराते हुए बागेश्वरधाम सरकार धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने प्रभु की भक्ति व सनातन एकता का संदेश देते हुए हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए एकजुट होकर कार्य करने की प्रेरणा दी। पांच दिवसीय हनुमन्त कथा के तीसरे दिन शुक्रवार सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक बागेश्वरधाम सरकार का दिव्य दरबार लगेगा। इसे लेकर भक्तों में उत्साह का माहौल है। बागेश्वरधाम सरकार ने कथा में सनातन संस्कृति की महिमा निराली बताते हुए कहा कि हम दूसरे धर्मो की बात नहीं करते है बस अपने सनातन धर्म की महिमा बताते है। जगत में सनातन धर्म में सबकुछ है, उगते सूरज को सब प्रणाम करते है पर सनातन में छठ पूजा जैसे अवसरों पर डूबते सूरज को भी प्रणाम किया जाता है। सनातन धर्म में नारी को देवी रूप में पूजा गया है। हमारे भगवान अनेक है पर सब एक है। बागेश्वरधाम सरकार ने हनुमानजी महाराज की भक्ति की चर्चा करते हुए सुंदरकांड पाठ की महिमा बताते हुए कहा कि सात कांड में से एक मात्र सुंदरकांड है जिसमें भक्त की महिमा गाई गई है। हनुमानजी वानर है यानि जो नर में सबसे श्रेष्ठ है उसे वानर कहते है। जिसके ह्दय में राम,जानकी हो वह बंदर भी हो तो सुंदर हो जाता है। जो भक्त सच्ची भावना के साथ भगवान को पुकारेगा उसे वह प्राप्त हो जाएंगे। सुंदरकांड पाठ करने से भक्त हर प्रकार के संकट से मुक्त हो जाता है ओर उस हर रिद्धी सिद्धी, निरोगी काया व सर्व सुुख की प्राप्ति हो जाती है।


संकटमोचन की कृपा हो जाए तो जीवन में संकट का कोई काम नहीं रह जाता। उन्होंने हिंदू एकता का संदेश देते हुए कहा कि ऐसा नजारा देख धर्म विरोधी घबरा रहे है। कोई निंदा करे तो घबराओ मत क्योंकि निंदा उसी की होती है जो जिंदा होते है। कोई मेरी निंदा करता है मतलब हम उसके दिल में जिंदा है। उन्होंने कहा कि जीवन में सुख दुःख आते रहते है उसे भगवान की कृपा मान प्रतिदिन उत्सव मनाए। तालियों से खुश होते है तो गालियां सुनने की क्षमता भी रखनी चाहिए। जो तिरस्कार में खिन्न नहीं हो ओर स्वागत से खुश नहीं हो वही भक्त है। भगवान की भक्ति करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि जिसके पास प्रभु की प्रार्थना होती है उसके पास पारसमणी होती है। कौन कहता परमात्मा सुनता नहीं दिल से पुकारे तो हर प्रार्थना पूरी होती है। जिसकी भक्ति करने से अज्ञान का अंधकार मिट जाए उसे ही गुरू कहते है।


मंच पर छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महन्त श्री बनवारीशरण काठियाबाबा के साथ भीलवाड़ा हरिशेवाधाम के महामण्डलेश्वर श्री हंसारामज महाराज, पंचमुखी दरबार के महन्त लक्ष्मणदास त्यागी, संकटमोचन हनुमान मंदिर के महन्त बाबूगिरी महाराज,



निम्बार्क आश्रम के महन्त मोहनशरण शास्त्री सहित कई संत महात्मा भी मौजूद रहे। अतिथियों का स्वागत करने वालों में आयोजन समिति के अध्यक्ष विधायक गोपाल खण्डेलवाल, संरक्षक त्रिलोकचंद छाबड़ा, प्रकाशचन्द छाबड़ा, महावीरसिंह चौधरी,कैलाशचन्द्र कोठारी, , नवनीत सोमानी, राधेश्याम बहेड़िया, बनवारीलाल मुरारका, दिनेश नौलखा, मुकेश खण्डेलवाल, दिनेश बाहेती, सचिव हेमेन्द्र शर्मा, सहसचिव राजेन्द्र कचोलियाआदि शामिल थे।

व्यास पीठ की भीलवाड़ा के स्वच्छताकर्मियों ने की आरती



श्री हनुमन्त कथा के दूसरे दिन जातपात का भेद मिटा सामाजिक सद्भाव एवं सनातन एकता की मिसाल कायम हुई जब व्यास पीठ पर विराजित बागेश्वरधाम सरकार धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री महाराज की आरती भीलवाड़ा शहर के स्वच्छताकर्मियों ने की। इनमें बड़ी संख्या में महिला स्वच्छताकर्मी शामिल थी। बागेश्वरधाम सरकार ने सभी को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि जब भगवान राम शबरी के घर बैर खा सकते है तो यह हमारी व्यास पीठ के पास क्यों नहीं आ सकते। भारत में सनातन के नाम पर केवल हिन्दू रहेंगा कोई छुआछूत व जातपात का भेद नहीं रहेगा। उनके इस कथन पर पांडाल करतल ध्वनि से गूंजायमान हो उठा हो ओर हिन्दू एकता के नारे लगे।

*भक्ति का छाया रंग भजनों पर हजारों श्रद्धालु झूमे*




कथा के दौरान भक्ति का रंग छाया रहा। बागेश्वरधाम सरकार के भजनों पर श्रद्धालु भक्तगण दोनों हाथ उठा झूमते रहे ओर जयकारे गूंजते रहे। उन्होंने म्हारे घट में विराजे श्रीनाथजी जैसे भजन पेश किए तो हजारों भक्तगण अपनी जगह खड़े होकर प्रभु भक्ति से ओतप्रोत हो झूमने लगे। उन्होंने मुझे ऐसी लगन लगाई जैसे भजन पेश किए तो हर तरफ भक्ति के रंग में थिरकते श्रद्धालु ही दिखे।

कथा गूंजायमान होते रहे हर हर महादेव ओर जय श्रीराम के जयकारे

श्री हनुमन्त कथा के दौरान जब भी बागेश्वरधाम सरकार ने सनातन एकता, हिन्दु एकता व जागृति की बात की तो पांडाल में जयश्री राम, हर हर महादेव ओर जय बालाजी महाराज के जयकारे गूंजायमान होते रहे। युवाओं में जोश देखते ही बन रहा था। कई युवा केसरिया साफे बांध कर भी आए थे। हर तरफ हिन्दू जागृति का नजारा पेश हो रहा था।

बागेश्वरधाम सरकार का आशीर्वाद पाने को आतुर रहे भक्त

बागेश्वरधाम सरकार का दिव्य दरबार भले शुक्रवार सुबह लगे पर उनकी एक झलक पाने के लिए लोग विश्राम स्थल से कथास्थल तक हर जगह मार्ग में खड़े रहते है ताकि एक बार नजदीक से देखने का अवसर मिल जाए ओर महाराज का आशीर्वाद पा सके। कई लोग विश्राम स्थल के बाहर भी प्रतिक्षारत रहे ताकि बागेश्वरधाम सरकार का आशीर्वाद पाकर अपने जीवन की समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सके।

जिसको जहां मिली जगह भक्ति भाव से बैठ गया

बालाजी महाराज की भक्ति भावना से ओतप्रोत भक्तगण विशाल पांडाल में बैठने की जगह मिलना मुश्किल होने के बावजूद भी भक्ति के रंग में रंगे रहकर जहां जगह मिले वहीं बैठ कथा श्रवण कर रहे है। आयोजन समिति ने भी भक्तों को कोई परेशानी नहीं आए इसके लिए पूरे प्रबन्ध किए। श्री हनुमन्त कथा स्थल पर एक लाख से अधिक श्रद्धालुजन बैठ सके इसकी व्यवस्था की गई है।

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