डमी अभ्यर्थियों और फर्जी डिग्रियों के जरिये बने पीटीआई और लेक्चरर, चार गिरफ्तार
जयपुर। राजस्थान में शारीरिक शिक्षक (पीटीआई) और व्याख्याता (लेक्चरर) की भर्ती में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में एसओजी ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी डमी अभ्यर्थियों के जरिए सरकारी नौकरी हासिल करने में लिप्त थे। इस मामले में एसओजी ने दो अलग-अलग मामलों में चार आरोपियों को पकड़ा, जिनमें तीन पीटीआई और एक व्याख्याता शामिल हैं।
एसओजी को व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर मिली शिकायतों के आधार पर जांच शुरू की गई। पहली शिकायत शारीरिक शिक्षक भर्ती 2022 से संबंधित थी, जिसमें अभ्यर्थियों ने अपनी जगह डमी उम्मीदवार बिठाकर नौकरी प्राप्त की थी। जांच में यह पाया गया कि आरोपी – स्वरूपा राम (बाड़मेर), भारमल राम (सांचोर), और लादूराम (जालौर) ने फर्जी बी.पी.एड. डिग्री और कूटरचित दस्तावेजों के जरिए नौकरी प्राप्त की। इस मामले में एसओजी ने दो मामले (संख्या 78, 80, 81/2024) दर्ज किए और आरोपियों के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471, और राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम के तहत जांच शुरू की।
स्वरूपा राम और भारमल को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर एसओजी के हवाले किया गया और बाद में दोनों को 7 दिन की पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया।
इस दौरान एसओजी को एक और बड़ी साजिश का पता चला, जो राजस्थान लोक सेवा आयोग की वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा (2022) से जुड़ी थी। इस परीक्षा में पेपर लीक होने के बाद 24 दिसंबर 2022 को परीक्षा को रद्द कर दिया गया था और फिर 29 जनवरी 2023 को पुनः आयोजित की गई थी। एसओजी की जांच में यह सामने आया कि कमल विश्नोई ने राजेन्द्र कुमार की जगह डमी परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा दी थी। कमल विश्नोई, जो वर्तमान में जालौर के अरणाय स्कूल में जीवविज्ञान के व्याख्याता के पद पर कार्यरत है, को भी एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया।