ट्रैप करने पहुंची एसीबी टीम, थाने से गायब मिले बदनौर थाना प्रभारी नारायण सिंह व कांस्टेबल अशोक

ट्रैप करने पहुंची एसीबी टीम, थाने से गायब मिले बदनौर थाना प्रभारी नारायण सिंह व कांस्टेबल अशोक
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भीलवाड़ा बीएचएन। एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में रिश्वत मांगने की शिकायत पर ट्रैप कार्रवाई करने पहुंची एसीबी टीम को बदनौर थाना प्रभारी नारायण सिंह व कांस्टेबल अशोक थाने पर नहीं मिले। एसीबी का कहना है कि दोनों फरार हो गये। थाना प्रभारी के सरकारी आवास पर भी ताला लगा मिला। दोनों की एसीबी तलाश कर रही है।

एसीबी स्पेशल यूनिट चौकी अजमेर के डीएसपी राकेश वर्मा ने कहा कि परिवादी श्रवणराम विश्नौई ने कल एसीबी को रिपोर्ट दी कि उसका भतीजा रामपाल है, जो ब्यावर जिले के बार थाने में एनडीपीएस एक्ट के मामले में गिरफ्तार हुआ था। इस मामले की तफ्तीश बदनौर थाना प्रभारी नारायण सिंह कर रहे थे। डीएसपी वर्मा ने कहा कि 15 दिसंबर के बाद से उसे रिमांड पर ले रहे थे और परिवादी से आरोपित को जेल भिजवाने, मारपीट नहीं करने तथा दूसरे मुल्जिम को अरेस्ट नहीं करने के लिए तीन लाख रुपये की डिमांड की जा रही थी। इस शिकायत पर रविवार को एसीबी ने सत्यापन करवाया। इस दौरान थाना प्रभारी नारायण सिंह व कांस्टेबल अशोक ने बात करके मौके पर ही परिवादी से 40 हजार रुपये ले लिये। कुल एक लाख रुपये में यह तय हुआ कि दूसरा जो मुल्जिम है, उसे रिमांड पर नहीं लेंगे और परिवादी के भतीजे को भी न्यायिक अभिरक्षा में भिजवा देंगे। इस पर आज शेष रिश्वत राशि 60 हजार रुपये देना तय हुआ। इस पर आज 45 हजार रुपये देने के लिए ट्रैप का आयोजन किया। डीएसपी वर्मा ने बताया कि इसके चलते परिवादी की कांस्टेबल अशोक से बात करवाई तो उसने आरजिया बालाजी मंदिर के पास परिवादी को आने के लिए कहा। इसके बाद अशोक खूद परिवादी के पास नहीं आया, बल्कि उसने एक स्टूडेंट् को रुपये लेने भेज दिया। उस स्टूडेंट को परिवादी से 45 हजार रुपये दिलवा दिये। यह राशि लेने के बाद जब एसीबी ने स्टूडेंट को दस्तयाब किया तो पता चला कि यह अशोक खुद नहीं है। बल्कि अशोक के कहने से यहां आया था। अशोक ने उसे सामान लाने की बात कहकर भेजा था। डीएसपी ने बताया कि अशोक से जब बात कराने का प्रयास किया तो उसने अपना मोबाइल स्वीच ऑफ कर दिया। इसकी जानकारी एसीबी के आला अधिकारियों को देते हुये डीएसपी वर्मा के नेतृत्व में एसीबी टीम तुरंत बदनौर थाने पहुंची। जहां थाना प्रभारी सिंह व कांस्टेबल अशोक की तलाश की तो दोनों थाने पर नहीं मिले। थाना प्रभारी के क्वार्टर पर तलाश की तो वहां ताला लगा मिला। इसके बाद टीम पास में ही रहने वाले कांस्टेबल अशोक के मकान पर पहुंची तो वहां घर पर अशोक की पत्नी मिली, अशोक नहीं मिला। डीएसपी ने कहा कि थाना प्रभारी व कांस्टेबल मौके से फरार हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में कैलाश गुर्जर को जो राशि अशोक ने दिलवाई थी, वो राशि एसीबी ने रिकवर कर ली है। अब इस मामले में आगे की कार्रवाई करते हुये थाना प्रभारी सिंह व कांस्टेबल अशोक की तलाश की जा रही है।

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