साइबर अपराधियों के चुंगल में फंसे डॉक्टर , होटल में कर रखा था डिजीटल अरेस्ट
बरेली। बारादरी क्षेत्र में रहने वाले डॉक्टर अचानक घर से बैंक की पासबुक और जरूरी कागज साथ लेकर गायब हो गए। डॉक्टर के भतीजे ने एसपी सिटी को सूचना दी तो पुलिस ने उनका नंबर सर्विलांस पर लगा दिया। डॉक्टर की लोकेशन होटल में मिली। पुलिस ने होटल पहुंचकर देखा तो डाक्टर को डिजीटल अरेस्ट किया गया था। पुलिस ने डॉक्टर को साइबर ठगों के डिजीटल अरेस्ट से छुडा़या और पचास लाख रुपयें की ठगी होने से बचा लिया।
भतीजे ने की शिकायत
शनिवार को बारादरी क्षेत्र के रहने वाले इमरान खां ने एसपी सिटी मानुष पारीक को सूचना देकर बताया कि फाइक एन्क्लेव निवासी चाचा डॉक्टर नजबुल हसन किसी से फोन पर बात कर रहे थे। बात करने के बाद घर आए और बैंक सम्बंधित कागज लेकर स्कूटी से कहीं चले गए। इसके बाद से नजबुल फोन नहीं उठा रहे है। एसपी सिटी ने बारादरी इंस्पेक्टर को डॉक्टर की लोकेशन ट्रेस करने पर लगाया। डॉक्टर के भतीजे और पुत्री से पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि डॉक्टर के पास किसी का कॉल आया था। कॉल करने वाले ने उनका आधार कार्ड हवाला कारोबार में इस्तेमाल होने की बात कही थी।
होटल में मिले डॉक्टर
पुलिस साइबर ठगों के डिजीटल अरेस्ट की साजिश को भांप गई। पुलिस ने डॉक्टर की लोकेशन ट्रेस की तो पीलीभीत बाईपास स्थित एक होटल में डॉक्टर की लोकेशन आई। पुलिस मौके पर पहुंची तो डॉक्टर की स्कूटी होटल के बाहर खडी़ मिली। होटल में जांच पड़ताल की गई तो बताया कि नजबुल ने होटल में सोमवार तक के लिए कमरा बुक कराया है। डॉक्टर के बुक कराए कमरा नंबर 105 पर पुलिस पहुंची तो अंदर साइबर ठग नजबुल को दरवाजा न खोलने की हिदायत दे रहे थे। नजबुल ने व्यस्तता की बात कहकर दरवाजा खोलने से मना कर दिया। काफी मशक्कत के बाद होटल में आग की बात कहकर दरवाजा खुलवाया तो नजबुल हसन साइबर ठगों के चंगुल में डिजीटल अरेस्ट मिले।
ठगों ने पीड़ित का कराया ब्रेनवाश
साइबर ठगों ने उनका ब्रेनवाश कर दिया था। वह असली पुलिस को गलत मानकर उनका विरोध कर रहे थे जबकि साइबर ठगों को असली पुलिस समझ रहे थे। साइबर ठगों ने उनको बताया था कि उनके आधार कार्ड को नरेश गोयल और उसके पार्टनर ने मुंम्बई में हवाला कारोबार के लिए इस्तेमाल किया था। इसकी जांच आरबीआई और सीबीआई द्वारा की जा रही है।