भीलवाड़ा हलचल ने किया था क्षतिग्रस्त पुल का खुलासा: कोठारी नदी पुलिया के घटिया निर्माण पर पहले हुई लीपापोती, अब थर्ड पार्टी जांच, कैसे काम में लिया जाए ब्रिज

कोठारी नदी पुलिया के घटिया निर्माण पर पहले हुई लीपापोती, अब थर्ड पार्टी जांच, कैसे काम में लिया जाए ब्रिज
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भीलवाड़ा | कोठारी नदी पर निर्माणाधीन हाईलेवल क्षतिग्रस्त ब्रिज की थर्ड पार्टी जांच जोधपुर की एमबीएम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. अजय शर्मा के नेतृत्व में एक्सपर्ट ने शुरू की। इस दौरान यूआईटी सचिव ललित गोयल, एसई योगेश माथुर व एक्सईएन राजू बढारिया उपस्थित रहीं। पुल के क्षतिग्रस्त होने का मामला सबसे पहले भीलवाड़ा हलचल ने उठाया था


कोठारी नदी पर बनाया गया पुल उद्घाटन से पहले ही क्षति ग्रस्त हो गया भीलवाड़ा हलचल द्वारा मामला सामने लाने पर हड़कंप मच गया और तत्कालीन कलेक्टर आशीष मोदी ने जांच के आदेश दिए। अब थर्ड पार्टी जांच का पूरा खर्च एचएलबी ठेकेदार एचएस मेहता वहन करेंगे। टीम यह जांच करेंगी कि क्षतिग्रस्त पुल पर किस तरह यातायात संचालित किया जा सकता है।

आगे की पूरी कार्रवाई प्रोफेसर शर्मा के देखरेख में ही होगी। विदित है कि करीब 13 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा हाईलेवल ब्रिज अक्टूबर-2018 में शिलान्यास से ही विवादों में रहा है। निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही 2 दिसंबर 2022 को ब्रिज के एक स्पान में छेद हो गया। यूआईटी ने ठेकेदार को एसएच मेहता को इसकी मरम्मत कराने को कहा। लेकिन, मरम्मत इतनी घटिया की गई कि गत अक्टूबर में लोड टेस्ट के दौरान ब्रिज 200 टन वजन भार सहन नहीं कर पाया। इसका स्पान तीन से चार इंच तक धंस गया।




लापरवाही बरतने पर एक्सईएन व एईएन सस्पेंड हाईलेवल ब्रिज के घटिया निर्माण के मामले में एक माह पहले स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व विशिष्ट सचिव कुमार पाल गौतम ने यूआईटी एक्सईएन जीतराम जाट व एईएन रविंद्र कुशवाहा को सस्पेंड कर दिया था। दोनों पर कोठारी नदी पर केशव पोरवाल अस्पताल के पास निर्माणाधीन हाईलेवल ब्रिज के निर्माण में गंभीर लापरवाही का आरोप था।


कोठारी नदी पुलिया के नीचे यू खुले नजर आए सरिए

कोठारी नदी पुलिया के नीचे यू खुले नजर आए सरिए



जब भीलवाड़ा हलचल ने मामला उठाया तब यूआईटी के अधिकारियों ने अपना बचाव करते हुए कहा था कि इसे किसी ने तोड़ा है और इसे लेकर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ सुभाष नगर थाने में मामला भी दर्ज करवाया गया। लेकिन प्रारंभिक जांच के लिए जब स्थानीय व्यक्ति को बुलाया गया तो उसने बताया कि पल में घटिया निर्माण सामग्री लगाई गई मौके पर उसने हाथ से ही सीमेंट और कंक्रीट को खुरच डाला।

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