खुदकुशी प्रकरण-: सात बहनों का इकलौता भाई था अर्जुन, कविता प्राईवेट स्कूल की थी टीचर, पढ़ाई भी कर रही थी
भीलवाड़ा बीएचएन। भीलवाड़ा में समेलिया फाटक के नजदीक ट्रेन के आगे लेटकर जान देने वाले बूंदी जिले के युवक-युवती के शव बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिये गये। युवक सात बहनों का इकलौता भाई था, जो एग्रीकल्चार कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था। वहीं युवती पढ़ाई के साथ-साथ प्राईवेट स्कूल में पढ़ाती थी। इस हृदयविदारक घटना से दोनों के ही परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। उधर, अभी यह साफ नहीं हो पाया कि युवक-युवती ने किन कारणों से यहां आये और उन्होंने खुदकुशी क्यूं की। पुर थाना पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
पुर थाने के दीवान गजराज ने बताया कि मंगलवार रात सूचना मिली कि समेलिया फाटक के नजदीक जयपुर-हैदराबाद ट्रेन के सामने ट्रैक पर लेटकर युवक-युवती ने खुदकुशी कर ली। सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और युवक-युवती को जिला अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टर्स ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। इनके पास मिले आधार व शैक्षणिक दस्तावेजों से उनकी पहचान बूंदी जिले के डगारिया निवासी अर्जुन पुत्र सुरेश लोधा व चेता, हिंडोली निवासी कविता पुत्री सोजीलाल जांगिड़ के रूप में करते हुये हिंडोली थाना पुलिस के जरिये परिजनों को सूचना दी गई। दोनों शव रात में मोर्चरी में सुरक्षित रखवाये गये। अर्जुन व कविता के पिता सहित अन्य परिजन बुधवार सुबह जिला अस्पताल पहुंचे, जहां पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिये गये। पुर थाना पुलिस खुदकुशी मामले की जांच कर रही है।
सात बहनों का इकलौता भाई था अर्जुन
परिजनों ने पुलिस को बताया कि अर्जुन के पिता के दो भाई है। इन तीनों भाइयों के सात बेटियां हैं, जबकि अर्जुन एक ही बेटा था। अर्जुन वर्ततान में बूंदी के एग्रीकल्चर कॉलेज में थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रहा था।
कविता पढ़ाई के साथ निजी स्कूल में पढ़ाती थी बच्चों को
कविता अभी पढ़ाई कर रही थी। पढ़ाई के साथ-साथ वह निजी स्कूल में टीचर की नौकरी कर बच्चों को पढ़ा रही थी। माना जा रहा है कि कविता व अर्जुन की पढ़ाई के दौरान पहचान हो गई थी।
कविता व अर्जुन 27 जनवरी को निकले थे घर से
ट्रेन के आगे ट्रैक पर लेटकर खुदकुशी करने वाला अर्जुन व कविता 27 जनवरी को अपने-अपने घर से निकले थे। कविता के घर नहंीं लौटने पर उसके परिजनों ने हिंडोली थाने में उसकी गुमशुदगी भी दर्ज करवाई थी।