भजनलाल सरकार ने सदन में पेश किया ‘धर्मांतरण बिल’

राजस्थान विधानसभा में दो दिन बाद सोमवार से बजट सत्र की शुरुआत हो गई है। सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। इस दौरान चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने धर्मांतरण विधेयक ‘राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025’ सदन के पटल पर रखा।

व‍िधानसभा की कार्यवाही लंचब्रेक के बाद 2 बजे शुरू होते ही राज्‍यपाल के अभ‍िभाषण पर बहस शुरू हो गई है। गौरतलब है कि विधेयक विधानसभा से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने पर ही कानून बन सकेगा।

संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने धर्मांतरण बिल को लेकर कहा कि राजस्थान के परिदृश्य में यह विधेयक जरूरी था। प्रलोभन या किसी कपट पूर्ण साधन द्वारा या किसी विवाह द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन और उनसे संबंधित है।

साथ ही उन्होंने कहा कि अनेक ऐसी संस्थाए या व्यक्ति समूह बनाकर गलत प्रचार कर आर्थिक रूप से प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करते थे। अनेक ऐसे क्षेत्रों में ये होता है, चाहे वह हमारे आदिवासी भाई-बहनों का क्षेत्र हो या अन्‍य क्षेत्र हो। इन सब की रोकथाम के लिए विधेयक लाया गया है।

उन्होंने आगे कहा क‍ि यह कानून अधिकार देगा, जिससे भविष्य में किसी के साथ अन्याय नहीं हो। किसी व्यक्ति और भाई के साथ अन्याय नहीं हो। किसी की इच्छा के विरुद्ध कुछ भी नहीं हो। सख्त कानून के कारण बंद हो जाएगा।

‘धर्म परिवर्तन बिल के नाम पर प्रोपगेंडा’- जूली

वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा क‍ि सदन में पेश किए गए इस बिल की स्टडी की जानी चाहिए। इसमें क्या प्रावधान किए गए हैं और क्यों? अगर सरकार को लगता है कि कोई संस्था समूह या व्यक्ति जबदस्ती धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं तो उस पर कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन, सरकार कुंभ में मरने वाले लोगों की चिंता करने के बजाय धर्म परिवर्तन बिल के नाम पर प्रोपगेंडा कर रही है।

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