प्यार में हदें की पार!: छात्र पर शिक्षिका का आया दिल, स्टूडेंट ने किया शादी से इनकार, तो फांसी लगाकर मैडम ने दे दी जान

खंडवा जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। एक टीचर अपने स्टूडेंट को दिल दे बैठी, वो प्यार में इस कदर पागल हुई कि आत्महत्या कर ली। फांसी लगाकर जान दे दी। आइआइटी पुनासा में तैनात अतिथि शिक्षक प्रिया यादव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार घटना के समय उसके कमरे में आइटीआइ का ही छात्र सपन यादव भी था। उसी ने शिक्षिका को अस्पताल पहुंचाया था,जहां चिकित्सकों ने शिक्षिका को मृत घोषित कर दिया।
चल रहा था प्रेम प्रसंग
पुलिस चौकी प्रभारी पुनासा राजेंद्र सय्यदे ने बताया कि शिक्षिका रीवा जिले की निवासी है। यहां नर्मदापुरम थाना क्षेत्र में किराए के मकान में रहती थी। उसका प्रेम प्रसंग मैकेनिकल इंजीनियरिंग द्वितीय वर्ष के छात्र सपन यादव था। सपन प्रिया के आवास पर मिलने पहुंचा था, दोनों के बीच शादी करने पर बात हुई।
छात्र ने शादी से किया इनकार, तो मैडम ने दी जान
लेकिन छात्र ने पढ़ाई पूरी होने तक शादी करने से इनकार कर दिया। इसी बात पर दोनों के बीच बहस हुई और प्रिया ने दूसरे कमरे में जाकर फांसी लगा ली। पुलिस ने सपन को हिरासत में ले लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। मौके से कोई सुसाइड नोट भी बरामद नहीं हुआ है।
पुलिस की पूछताछ में छात्र सपन यादव (24) ने बताया कि टीचर प्रिया से उसका पिछले एक साल से अफेयर चल रहा था। दोनों सजातीय थे और परिवार भी रिश्ते से वाकिफ थे। शुक्रवार सुबह प्रिया ने शादी की बात कही। इस पर सपन ने कहा कि वह पहले अपने पैरों पर खड़ा हो जाए, कोई काम-धंधा देख ले, फिर शादी करेंगे। इसी बात पर शिक्षिका नाराज हो गईं और मोबाइल फोन तोड़ दिया। इसके बाद वह दूसरे कमरे में चली गईं। करीब 15 मिनट बाद जब वह बाहर नहीं आईं तो देखा कि वह पंखे से फंदा लगाकर लटकी हुई है। आसपास के लोगों की मदद से तुरंत अस्पताल ले गया।
पुलिस ने सपन यादव को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। सपन ने पुलिस को बताया कि वह आईटीआई कॉलेज में मैकेनिकल ब्रांच के सेकेंड ईयर का छात्र है। कुछ समय पहले पीलिया के कारण बीमार था और गांव चला गया था। गुरुवार को शिक्षिका के बुलाने पर पुनासा आया और उसके कमरे में ही रुका था। इस बीच शादी की बात को लेकर वह नाराज हो गई और गलत कदम उठा लिया है। फिलहाल पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया हैं। जांच उपरांत ही मौत के कारण का पता लग पाएगा।
