नित्यानंद खुदकुशी प्रकरण, चार लोगों पर खुदकुशी के लिए मजबूर करने का आरोप, बहन ने दी रिपोर्ट, पुलिस ने शव सौंपा

नित्यानंद खुदकुशी प्रकरण, चार लोगों पर खुदकुशी के लिए मजबूर करने का आरोप, बहन ने दी रिपोर्ट, पुलिस ने शव सौंपा
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भीलवाड़ा बीएचएन। जिले के रोपां गांव में आयोजित पं. दीनदयाल उपाध्याय शिवर में बूंदी जिले के युवक के जहर खाकर खुदकुशी करने के मामले में दूसरे दिन मृतक की बहन ने चार रिश्तेदारों के खिलाफ पारोली पुलिस को रिपोर्ट दी। इन चारों पर युवक को खुदकुशी के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है।

बता दें कि बूंदी जिले के बरुंधन निवासी नित्यानंद सनाढ्य पुत्र स्व. मदनलाल सनाढ्य, गुरुवार की सुबह अपने एक मित्र भीमराज मीणा के साथ गांव से रोपां आया था। यहां राजकीय विद्यालय में आयोजित शिविर में वह अधिकारी से मिला। उसने अधिकारी को कोई कागजात भी दिये। नित्यानंद ने शिविर परिसर में ही जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया, जिसकी बाद में जिला अस्पताल में मौत हो गई थी। नित्यानंद की बहन सहित नीतू सनाढ्य सहित अन्य परिजन जिला अस्पताल पहुंचे। पारोली थाना प्रभारी प्रभातीलाल मीणा को नीतू ने एक रिपोर्ट दी। थाना प्रभारी ने बताया कि रिपोर्ट में सुनील व भागचंद आदि पर नित्यानंद को खुदकुशी के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया गया। इन लोगों ने रोपां गांव में स्थित पैतृक जमीन नित्यानंद व उसके परिवार को नहीं दी, जिससे वह तनाव में था और इसी के चलते जहरीली वस्तु खाकर उसने खुदकुशी कर ली। बता दें कि नित्यानंद ने खुदकुशी से पहले चार पेज का सुसाइड नोट लिखकर सोशल मीडिया पर वायरल भी किया था।

इकलौता बेटा था नित्यानंद, पत्नी गर्भवती है

नित्यानंद उर्फ नितेश सनाढ्य परिवार का इकलौता बेटा था। उसके पिता मदनलाल सनाढ्य जो कि रोपां में सहकारी समिति में शक्कर, केरोसिन देने का काम करते थे, उनका निधन हो गया था। पिता की मौत के बाद नित्यानंद पर ही मां व बहन की देखभाल व घर चलाने की जिम्मेदारी थी। नित्यानंद के खुदकुशी करने के बाद उसके परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा। नित्यानंद ने इसी साल 5 मार्च को अंतरजातिय विवाह किया था। उसकी पत्नी गर्भवती है।

सुसाइड नोट में इनको बताया मौत का जिम्मेदार

सुसाइड नोट में नित्यानंद ने लिखा कि उसके अंतरजातिय विवाह करने से के कारण उसे अपनी जमीन जायदाद से बेदखल कर जमीन पर अतिक्रमण कर लिया। इसे लेकर दिये परिवाद में भी उसने जीवन लीला समाप्त करने की बात लिखी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसने सुसाइड नोट में भागचंद, कमल, सुनील व सोभाग बाई के नाम लिखे हैं। नित्यानंद ने लिखा कि इन लोगों ने उसे परेशान कर यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया है।

विधायक के दबाव में आकर नहीं की कार्रवाई

नित्यानंद ने सुसाइड नोट में लिखा कि तत्कालीन तहसीलदार, पटवारी, एसएसओ, जांच अधिकारी पारोली की भी बराबर की भूमिका है। विधायक साहब के दबाव में आकर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे मेरे को यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

मुस्कान देख ले, मैने वादा निभाया है

मुस्कान देख ले, मैने वादा निभाया है। गांव जाकर कोई झगड़ा नहीं किया। भले ही जिंदगी हार गया पर वाा नहीं तोड़ा है। शायद ईश्वर को अपना यह सफर यहीं तक मंजूर था। मेरे बच्चे को रोपां गांव में कदम मत रखने देना। नीतू और मम्मी का खयाल रखना। यह बात नित्यानंद ने खुदकुशी से पहले सुसाइड नोट में लिखी।

बहन ने सीएम से लगाई मुआवजे व कार्रवाई की गुहार

नित्यानंद के खुदकुशी मामले को लेकर उसकी बहन नीतू ने शुक्रवार को यहां मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को प्रार्थना-पत्र दिया, जिसमें बताया कि नित्यानंद परिवार में कमाने वाला अकेला था। बाकी तीन महिलायें हैं। परिवार को एक करोड़ का मुआवजा दिलाया जाये। नीतू ने पत्र में लिखा कि नित्यानंद के परिवार की 6.5 बीघा जमीन आरोपितों ने अपने कब्जे में ले रखी है, उसे रास्ते के साथ कब्जा मुक्त करवाकर मृतक के परिवार को सुपुर्द की जाये। नित्यानंद को जान देने के लिए मजबूर करने वालों को कठोर से कठोर सजा दिलवाई जाये, ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।

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