राजस्थान में भीषण बारिश से बिगड़े हालात: प्रदेश का बड़ा हिस्सा बाढ़ की चपेट में, सेना और वायुसेना उतरी राहत कार्यों में

जयपुर।
उत्तर भारत में मूसलाधार बारिश ने इस बार पहाड़ी राज्यों के साथ राजस्थान को भी बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। आमतौर पर रेगिस्तानी और शुष्क इलाकों के लिए पहचाना जाने वाला राजस्थान इन दिनों बाढ़ जैसी स्थिति से जूझ रहा है। मौसम विभाग ने 27 अगस्त तक तेज बारिश का दौर जारी रहने की चेतावनी दी है। सिरोही, राजसमंद और उदयपुर में ऑरेंज अलर्ट, जबकि 13 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
कोटा, टोंक, बूंदी, सवाई माधोपुर में जलप्रलय जैसे हालात
प्रदेश का हाड़ौती क्षेत्र इस बार सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। कोटा, टोंक, बूंदी और सवाई माधोपुर में कई कॉलोनियां डूब चुकी हैं। खेतों में 50-50 फीट गहरे गड्ढे बन गए हैं। चौथ का बरवाड़ा इलाके में भगवतगढ़ बांध ओवरफ्लो होने से सैकड़ों गांवों में पानी घुस गया है। सूरवाल और जड़ावता जैसे गांवों में 5 फीट तक पानी भर गया। प्रशासन ने सेना को बुलाकर राहत-बचाव कार्य शुरू करवाया है।
कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और जिला कलेक्टर-एसपी खुद प्रभावित क्षेत्रों में डटे हुए हैं। हजारों लोग घरों में कैद हैं और खाने-पीने की वस्तुओं का संकट गहराने लगा है।
कोटा में वायुसेना का हेलिकॉप्टर तैनात
राजस्थान में हालात की गंभीरता को देखते हुए वायुसेना भी राहत कार्यों में जुट गई है। कोटा में एमआई-17 हेलिकॉप्टर तैनात किया गया है, जो फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल रहा है। कई जगहों पर नावों और क्रेनों की मदद से बचाव अभियान चल रहा है।
नागौर और कोटा में बारिश से मकान गिरने की घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई है। लगातार हो रही बारिश के चलते प्रशासन ने कोटा, सीकर, जयपुर, दौसा, नागौर, टोंक और भीलवाड़ा समेत 19 जिलों में स्कूल बंद रखने के आदेश दिए हैं।
सीकर में जलभराव, पुलिस चौकी तक डूबी
सीकर में रविवार रात दो घंटे की तेज बारिश ने पूरे शहर को डुबो दिया। नवलगढ़ रोड पर 4 फीट तक पानी भर गया, जिससे पुलिस की गाड़ियां तक डूब गईं। बस डिपो परिसर और पुलिस चौकी में पानी घुस गया। बिजली आपूर्ति ठप होने से लोग अंधेरे में रहे।
बजाज रोड, स्टेशन रोड और सूरजपोल गेट पर कई जगह 2 से 3 फीट पानी भरने से शहर का यातायात ठप हो गया। प्रशासन ने सोमवार को सभी स्कूल बंद रखने के आदेश जारी किए।
पानी में बह गई कार, दो की मौत
झालावाड़ के गागरोन इलाके में कालीसिंध नदी की पुलिया पर पानी बह रहा था। स्थानीय लोगों ने कार सवारों को रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने पुल पार करने की जिद की। कार कुछ दूर जाकर बह गई। घंटों की मशक्कत के बाद क्रेन से कार निकाली गई, जिसमें दो शव बरामद हुए।
गांवों में भूख-प्यास से जूझते लोग
सवाई माधोपुर जिले के सूरवाल और आसपास के गांवों में हालात सबसे खराब हैं। करीब 15 हजार लोग तीन दिन से घरों में फंसे हैं। गांवों तक पहुंचने वाले रास्ते पानी में डूब चुके हैं। खेतों में बनी गहरी खाई ने लोगों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं।
बारिश ने राजस्थान की तस्वीर बदल दी
आमतौर पर रेत और सूखे के लिए पहचाने जाने वाले राजस्थान में इस बार मानसून ने भयावह रूप ले लिया है। रेगिस्तानी इलाकों में जहां थोड़ी सी बूंदाबांदी को त्योहार की तरह मनाया जाता है, वहीं इस बार पानी ने कहर बरपा दिया है। अरावली से लेकर हाड़ौती तक, ढोलपुर से लेकर बाड़मेर तक—हर जिले में बारिश के अलग-अलग रंग दिखाई दे रहे हैं।
कुछ जगह जलाशयों और तालाबों के लबालब भर जाने से लोग खुशी जता रहे हैं, लेकिन अधिकांश जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। किसानों की फसलें जलमग्न हो गई हैं और सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
प्रशासन अलर्ट पर, लोग अब भी लापरवाह
भारी बारिश की चेतावनी के बावजूद लोग नदियों और पुलों पर रिस्क उठाने से बाज नहीं आ रहे। प्रशासन बार-बार अपील कर रहा है कि लोग नदी-नालों के पास न जाएं, लेकिन हाल ही में कार बहने की घटना ने यह साबित किया कि चेतावनियों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।
चंबल के उफान से मध्यप्रदेश में संकट
राजस्थान में हुई बारिश का असर पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में भी दिख रहा है। चंबल नदी उफान पर है, जिससे मुरैना और भिंड जिले के 100 से ज्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं। कई गांव टापू बन चुके हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए नावों का सहारा लिया जा रहा है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने साफ किया है कि 27 अगस्त तक बारिश का सिलसिला थमने वाला नहीं है। खासतौर पर अरावली की तलहटी और दक्षिणी राजस्थान में अगले दो-तीन दिन भारी बारिश हो सकती है। सिरोही, उदयपुर, राजसमंद और भीलवाड़ा जिले सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
निष्कर्ष
राजस्थान की यह तस्वीर बताती है कि बदलते मौसम ने किस तरह रेगिस्तान को भी बाढ़ की चपेट में ला खड़ा किया है। इस आपदा से जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है, वहीं यह चेतावनी भी है कि राज्य को अब जल प्रबंधन और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में और अधिक सजग होना पड़ेगा। राजस्थान के लिए यह बारिश दोधारी तलवार है—एक ओर जल संकट से राहत, तो दूसरी ओर बाढ़ का संकट।
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यह रिपोर्ट लगभग 1000 शब्दों का विस्तृत लेख है जो राजस्थान की मौजूदा बारिश-बाढ़ की स्थिति का पूरा चित्रण करती है।
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