बजरी माफियाओं पर एसपी की कड़ाई – थानेदार समेत तीन निलंबित, नेताओं तक आंच की चर्चा,ट्रैप से बचे

भीलवाड़ा/मांडल। बजरी माफियाओं के खिलाफ एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव की सख्ती ने पुलिस महकमे से लेकर सफेदपोश नेताओं तक खलबली मचा दी है। माना जा रहा है कि अगर जांच की परतें खुलीं तो इसकी आंच उन रसूखदारों तक भी पहुंचेगी, जिनके संरक्षण में यह गोरखधंधा फल-फूल रहा है।
शुक्रवार देर रात एसपी ने मांडल थाना प्रभारी विक्रम सेवावत, एएसआई नंदलाल गुर्जर और हेड कांस्टेबल राजेंद्र सिंह को बजरी माफियाओं से सांठ-गांठ और वाहन बदलने के आरोपों में निलंबित कर दिया।
जेसीबी बदलने का बड़ा खेल
कुछ दिन पहले मांडल थाना पुलिस ने बजरी माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर कई वाहन जब्त किए थे। आरोप है कि मौके से पकड़ी गई नई जेसीबी थाने पहुंचते-पहुंचते बदल गई और जब्ती रिकॉर्ड में पुरानी मशीन दिखा दी गई। शिकायत पर एसपी ने डीएसपी मेघा गोयल से जांच करवाई, जिसमें डिजिटल साक्ष्य और गवाहों के बयान में गड़बड़ी सही पाई गई।
एसीबी की एंट्री, लेकिन ट्रैप फेल
इसी बीच, अवैध खनन के एक और मामले में मांडल थाने के नाम पर 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगे जाने की शिकायत एसीबी तक पहुंची। सरस डेयरी के पीछे कोठारी नदी से पकड़े गए वाहन को छोड़ने के लिए यह रकम तय हुई थी। कुछ राशि दी भी गई, लेकिन पूरी न मिलने पर खेल बिगड़ा। एसीबी ने ट्रैप की योजना बनाई, मगर थानेदार और संबंधित सिपाही मौके पर नहीं मिले, जिससे कार्रवाई अधर में लटक गई।
एसपी की इस सख्ती ने बजरी कारोबारियों और उनके सियासी हमदर्दों में हड़कंप मचा दिया है। अब सबकी नजर आगे होने वाली जांच पर टिकी है।
