ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट का खुलासा:: महादेव ऐप के बाद अब ‘रुद्र ऐप’ की गूंज, पुलिस ने पकड़े सात आरोपी,भीलवाड़ा से भी जुड़ाव की आहट

महादेव ऐप के बाद अब ‘रुद्र ऐप’ की गूंज, पुलिस ने पकड़े सात आरोपी,भीलवाड़ा से भी जुड़ाव की आहट
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भोपाल। प्रदेश में ऑनलाइन सट्टेबाजी का बड़ा नेटवर्क सामने आया है। पुलिस को शक है कि प्रतिबंधित महादेव ऐप चलाने वाला नेटवर्क ही अब रुद्र ऐप के जरिए सक्रिय है। दिलचस्प बात यह है कि दोनों ऐप के नाम भगवान शिव से जुड़े हैं, जिससे यह आशंका और गहरी हो गई है कि यह महादेव सिंडिकेट का ही नया डिजिटल अवतार हो सकता है।भीलवाड़ा से भी जुड़ाव से इंकार नहीं किया जा सकता .

पुलिस का कहना है कि इस रैकेट के पीछे करोड़ों रुपये का मनी ट्रेल जुड़ा हुआ है। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ जारी है और आने वाले दिनों में कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं।

एशिया कप मैच के दौरान खुला राज़

अयोध्या नगर पुलिस ने रविवार को एशिया कप क्रिकेट मैच के दौरान चल रहे ऑनलाइन सट्टेबाजी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया। शुरुआत में मीनाल इलाके से दो युवकों को पकड़ा गया, जिनके पास मोबाइल फोन, लैपटॉप और एटीएम कार्ड बरामद हुए।

इसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर बड़ी मात्रा में सामान जब्त किया:

40 मोबाइल फोन

80 सिम कार्ड

5 लैपटॉप

177 एटीएम कार्ड

180 बैंक खाते

वाई-फाई राउटर और 2 कारें

3.54 लाख रुपये नकद, नोट गिनने की मशीन

खातों में 15 लाख रुपये फ्रीज

रजिस्टर से 1.5 करोड़ रुपये का लेन-देन रिकॉर्ड

छत्तीसगढ़ कनेक्शन

इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से अरुण वर्मा नामक आरोपी छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार का पुराना बुक्की है। वह पहले भी महादेव ऐप नेटवर्क के लिए काम कर चुका है। उसने अपने साले दिगेश्वर प्रसाद वर्मा (मंडीदीप निवासी) के साथ मिलकर भोपाल में यह कॉल सेंटर शुरू किया।

इस गिरोह के तार छत्तीसगढ़, छिंदवाड़ा और शहडोल तक फैले हुए हैं।

महादेव ऐप नेटवर्क पहले ही छत्तीसगढ़ की राजनीति को हिला चुका है। उस समय पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भी इसके सरगनाओं से आर्थिक संबंध होने के आरोप लगे थे।

भीलवाड़ा से भी जुड़ाव की आहट

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि भोपाल में पकड़ा गया यह रुद्र ऐप नेटवर्क देशभर में फैला हुआ है। शुरुआती जांच में इसके तार राजस्थान के भीलवाड़ा से भी जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है। भीलवाड़ा पहले से ही प्रदेश में गैरकानूनी कारोबार और हवाला चैनलों के लिए कुख्यात रहा है।जांच एजेंसियां इस बात पर फोकस कर रही हैं कि क्या यहां से सट्टे के पैसों की हेराफेरी और मनी लॉन्ड्रिंग की जा रही है। भीलवाड़ा के कई सफेदपॉश लोगो का जुड़ाव इस काळा धंधे से होने की जानकारी किसी से छिपी नहीं हे जल्दी ही बड़ी कार्यवाही की भी चर्चा हे

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