फर्जी फौजियों पर एटीएस की सर्जिकल स्ट्राइक से उठी लपटें, पूरे प्रदेश में हड़कंप!

अब दलालों, फर्जी दस्तावेज़ बनाने वालों और सरकारी विभागों में बैठे नकली पूर्व सैनिकों में मचा हाहाकार
भीलवाड़ा (हलचल)।
राजस्थान एटीएस की ओर से फर्जी पूर्व सैनिकों पर की गई कार्रवाई ने पूरे प्रदेश में भूचाल ला दिया है। भीलवाड़ा में हुई इस कार्रवाई के बाद अब न केवल फर्जी सैनिकों में बल्कि उनके सहारे सरकारी नौकरी हासिल करने वाले दलालों और नकली दस्तावेज़ तैयार करने वाले गिरोहों में भी हड़कंप मच गया है।
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विकास कुमार का बड़ा बयान – "अब बाकी विभागों में भी छापे पड़ेंगे"
एटीएस के अधिकारी विकास कुमार ने शुक्रवार को स्पष्ट संकेत दिए कि यह कार्रवाई अभी शुरुआत है। उन्होंने कहा,
> “अब प्रदेश के अन्य जिलों में भी ऐसे फर्जी पूर्व सैनिकों पर शिकंजा कसा जाएगा। कई विभागों में फर्जी सेवा पुस्तिकाओं और पहचान पत्रों के सहारे नौकरी करने वालों की सूची तैयार कर ली गई है।”
इस बयान के बाद प्रदेशभर में उन लोगों में हड़कंप मच गया है जो खुद को ‘सेना से रिटायर्ड’ बताकर सरकारी लाभ उठा रहे हैं।
फर्जी दस्तावेज़ गिरोह पर गाज गिरने वाली
विकास कुमार ने यह भी इशारा किया कि इस मामले में फर्जी सेवा पुस्तिका, पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज़ तैयार करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ जल्द होगा।
उन्होंने कहा कि यह “सिर्फ धोखाधड़ी नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर अपराध है”, क्योंकि ऐसे फर्जी लोग सुरक्षा एजेंसियों तक में जगह बना चुके हैं।
‘बड़े चेहरे’ भी आ सकते हैं एटीएस के रडार पर
एटीएस की सख्ती के बाद अब यह चर्चा तेज है कि आने वाले दिनों में कई “बड़े चेहरे” भी बेनकाब हो सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि कुछ प्रभावशाली लोगों ने अपने रसूख के बल पर फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे न केवल नौकरी हासिल की बल्कि सुरक्षा एजेंसियों में ऊंचे पदों पर भी पहुंच गए हैं।
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अब सुरक्षा एजेंसियों के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े पर उठे सवाल
एटीएस की इस कार्रवाई के बाद अब यह मांग उठने लगी है कि सुरक्षा एजेंसियों, निजी सिक्योरिटी कंपनियों और सरकारी ठेकों में काम कर रहे ‘फर्जी पूर्व सैनिकों’ की पूरी जांच होनी चाहिए।
लोगों का कहना है कि यह सिर्फ भर्ती घोटाला नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ है।
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निष्कर्ष
भीलवाड़ा से शुरू हुई यह कार्रवाई अब प्रदेशभर में ‘फर्जी फौजियों के खिलाफ जंग’ का रूप ले चुकी है। एटीएस की सख्ती ने कई विभागों में बैठे ऐसे चेहरों की नींद उड़ा दी है जो झूठे दस्तावेज़ों के दम पर वर्षों से सरकारी सुविधाएं भोग रहे हैं।अब देखना यह है कि अगला नाम किसका आता है — फर्जी फौजी, दलाल या कोई बड़ा अधिकारी।
