कांग्रेस जिलाध्यक्ष चयन की नई प्रक्रिया अंतिम चरण में, समुदाय आधारित फार्मूला लागू, घोषणा अगले माह

कांग्रेस जिलाध्यक्ष चयन की नई प्रक्रिया अंतिम चरण में, समुदाय आधारित फार्मूला लागू, घोषणा अगले माह
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जयपुर, ।

कांग्रेस के संगठन सर्जन अभियान के तहत जिलाध्यक्षों की नियुक्ति प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। पार्टी हाईकमान ने प्रदेश के सभी जिलों में समुदाय आधारित संतुलन कायम करने के उद्देश्य से नया फार्मूला तय किया है। सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में एक ही समुदाय से एक से अधिक जिलाध्यक्ष नहीं होंगे।

राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के.सी. वेणुगोपाल, वामसी रेड्डी और सैंथिल ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा तथा सह-प्रभारियों के साथ हाल ही में दिल्ली में विस्तृत चर्चा की। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि केवल उन्हीं दावेदारों पर विचार होगा जिनके नाम जिला आब्जर्वर द्वारा भेजे गए छह-सदस्यीय पैनल में शामिल हैं।

विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, जिन जिलों में किसी वर्ग या समुदाय के लिए आरक्षण तय किया गया है, वहां उसी वर्ग से जुड़े नामों पर अंतिम चयन होगा। हाईकमान इन पैनलों में से तीन नामों का चयन करेगा और अंततः उनमें से एक को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा।

पार्टी ने यह भी संकेत दिए हैं कि 70 वर्ष से अधिक आयु वाले नेताओं पर इस बार विचार नहीं किया जाएगा। आधे से अधिक जिलों में नए और युवा चेहरों को मौका मिलने की संभावना है, वहीं कुछ मौजूदा जिलाध्यक्षों को पुनः नियुक्ति भी मिल सकती है।

सूत्रों का कहना है कि राजस्थान के 48 जिलों में समुदायवार संतुलन सुनिश्चित करने के लिए सामान्य, ओबीसी, एससी, एसटी और मुस्लिम वर्गों के प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता दी जा रही है। कुछ जिलों में महिला जिलाध्यक्ष नियुक्त करने की भी योजना है, जिसके लिए संभावित जिलों की सूची तैयार कर ली गई है।

कांग्रेस नेतृत्व ने संगठनात्मक संतुलन को ध्यान में रखते हुए 31 अक्टूबर तक सभी जिला आब्जर्वरों से अंतिम पैनल भेजने को कहा है। इसके बाद नवंबर के दूसरे सप्ताह में एआईसीसी द्वारा राजस्थान सहित छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में जिलाध्यक्षों की आधिकारिक सूची जारी किए जाने के संकेत हैं।

इस बीच, कई जिलों में सोशल मीडिया पर प्रसारित जिलाध्यक्षों के नामों को लेकर संगठन ने स्पष्ट किया है कि अब तक किसी भी स्तर पर औपचारिक नियुक्ति नहीं हुई है। सभी निर्णय केवल एआईसीसी की स्वीकृति के बाद ही घोषित किए जाएंगे।


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