भीलवाड़ा में भूखंड लॉटरी विवाद हाई कोर्ट से नगर विकास न्यास ने मांगा समय, अब अगली सुनवाई पर नजर

भीलवाड़ा (राजकुमार माली)। नगर विकास न्यास (UIT) द्वारा किए गए हजारों भूखंडों के आवंटन की लॉटरी एक बार फिर सवालों के कटघरे में है। मंगलवार को हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई, जिसमें नगर विकास न्यास की ओर से जवाब प्रस्तुत करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा गया। कोर्ट ने अगली सुनवाई तक मामले को स्थगित कर दिया है।
एडवोकेट हेमेंद्र शर्मा ने हलचल को जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने राघव कोठारी और पवन त्रिपाठी के साथ मिलकर UIT की लॉटरी प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर धांधली और फर्जीवाड़ा को लेकर याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में साफ कहा है कि आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रखी गई, जिससे हजारों आवेदकों के अधिकार प्रभावित हुए हैं।
3000 से अधिक भूखंडों की लॉटरी पर गंभीर सवाल
उल्लेखनीय है कि नगर विकास न्यास द्वारा हाल ही में 3000 से अधिक भूखंडों के आवंटन के लिए लॉटरी निकाली गई थी। इसके बाद लगातार आरोप सामने आए कि लॉटरी प्रक्रिया में मनमर्जी, पक्षपात और फर्जी नाम शामिल किए गए। कई लाभार्थियों ने आरोप लगाया कि वास्तविक पात्रता को नज़रअंदाज़ करके अपात्र लोगों को लाभ पहुंचाया गया।
याचिका में पूरी लॉटरी प्रक्रिया को रद्द करने और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग उठाई गई है। आवेदकों में आक्रोश इस कदर है कि कोर्ट के बाहर भी कई लोग विरोध दर्ज कराने पहुंचे।
याचिकाकर्ताओं का आरोप—‘पूरी लॉटरी पर है गहरी साज़िश की छाया’
हेमेंद्र शर्मा का कहना है कि यह केवल तकनीकी त्रुटि नहीं बल्कि योजनाबद्ध तरीके से किया गया फर्जीवाड़ा है। उन्होंने बताया कि कोर्ट में जल्द ही इसके ठोस सबूत भी पेश किए जाएंगे।
अब निगाहें अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि क्या अदालत लॉटरी को रद्द करने की दिशा में कोई कड़ा कदम उठाती है या फिर UIT को अपना पक्ष मजबूत करने का और मौका देती है।
