थाना माण्डल में जब्त जेसीबी बदलने का मामला: अदालत ने पुलिस अनुसंधान पर उठाए सवाल, पाँचों अभियुक्त जमानत पर रिहा

अदालत ने पुलिस अनुसंधान पर उठाए सवाल, पाँचों अभियुक्त जमानत पर रिहा
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भीलवाड़ा हलचल।

थाना माण्डल में पुलिस कब्जे से जब्त जेसीबी चोरी होकर उसकी जगह दूसरी जेसीबी खड़ी करने के सनसनीखेज मामले में अपर सेशन न्यायाधीश संख्या-02 अशोक सेन ने सोमवार को पाँच अभियुक्तों को जमानत देते हुए पुलिस अनुसंधान पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े किए हैं।

अदालत के आदेश में साफ कहा गया है कि इस प्रकरण की परिस्थितियाँ प्रथम दृष्ट्या थाना स्तर पर गंभीर लापरवाही या मिलीभगत की ओर संकेत करती हैं।

09 सितंबर को पकड़ी गई थी “JOGNIYA STONE” जेसीबी



अदालत के समक्ष प्रस्तुत रिकॉर्ड के अनुसार 09 सितंबर 2025 को माण्डल पुलिस ने अवैध खनन में दो जेसीबी और तीन ट्रैक्टर जब्त किए थे।

इनमें—एक जेसीबी नंबर RJ 22 EA 0827और दूसरी बिना नंबर की जेसीबी, जिसके शीशे पर “JOGNIYA STONE” लिखा हुआ था इन दोनों मशीनों को ई-साक्ष्य ऐप में दर्ज कर थाने में जब्त किया गया था।थाने से चोरी हुई ‘JOGNIYA STONE’ जेसीबी, बदले में “KADWA” लिखी दूसरी मशीन रखी मिली

अदालत ने बताया कि बाद में बिना नंबर वाली “JOGNIYA STONE” जेसीबी थाने से चोरी कर ले जाई गई और उसकी जगह “KADWA” लिखी दूसरी जेसीबी खड़ी मिली।यह खुलासा तब हुआ जब नए थाना प्रभारी ने चार्ज लिया।

अदालत ने टिप्पणी की कि —> “पुलिस कब्जे से जब्त जेसीबी का चोरी हो जाना और उसके बदले दूसरी जेसीबी खड़ी मिलना, पुलिस की भूमिका को प्रथम दृष्ट्या संदिग्ध बनाता है।”यही नहीं, इसी संदिग्ध परिस्थिति को आधार बनाकर पूर्व थाना प्रभारी निलम्बित किए गए और कई अन्य पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर किया गया।


पुलिस के खिलाफ ‘कोई कार्रवाई नहीं’ — अदालत ने लगाई फटकारआदेश के पैरा 8 में अदालत ने अनुसंधान अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए कि:संलिप्त पुलिस कर्मियों की भूमिका कीत्वरित, निष्पक्ष और तथ्यात्मक जांच की जाए।

अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि —> “कैमरा फुटेज और अन्य संभव साक्ष्य मौजूद होने के बावजूद आज तक किसी भी पुलिस कर्मी पर कोई तात्विक कार्रवाई नहीं हुई, जबकि अभियुक्तों को 04 नवंबर को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया था।”

अदालत ने ट्रायल कोर्ट को भी निर्देश दिए कि वह अनुसंधान की मॉनिटरिंग करे और समय-समय पर प्रगति रिपोर्ट मांगे।

अभियुक्त 4 नवंबर से जेल में, कोई बरामदगी शेष नहीं — इसलिए जमानत

अदालत ने माना कि:मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय में विचारणीय हैकिसी भी अभियुक्त से कोई बरामदगी शेष नहीं हैसभी आरोपी 04 नवंबर से न्यायिक अभिरक्षा में हैं

इस आधार पर अदालत ने पाँचों अभियुक्तों—सांगर कीर,ओमप्रकाश भील,सुनील गुर्जर,पंकज जाटऔर पूरण माली के जमानत आवेदन एक साथ स्वीकार किए।प्रत्येक अभियुक्त को ₹50,000 के मुचलके और बराबर की जमानत राशि पर रिहा करने के आदेश दिए गए।

एसपी भीलवाड़ा व एसीजेएम माण्डल को आदेश की प्रति भेजने के निर्देश

पैरा 11 में अदालत ने आदेश की प्रति पुलिस अधीक्षक, भीलवाड़ा तथा एसीजेएम माण्डल को भेजने के लिए कहा है, ताकि पैरा 8 में दिए गए निर्देशों—विशेषकर पुलिस कर्मियों की भूमिका की जांच—का पालन सुनिश्चित किया जा सके।

ये था मामला

मांडल थाने से बजरी माफिया और पुलिसकर्मियों की कथित मिलीभगत से मांडल थाने में जब्त की गई जेसीबी को अदला-बदली कर चोरी करने के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर किया । गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर चोरी की गई जेसीबी बरामद कर ली गई, साथ ही वारदात में प्रयुक्त एक कार और बाइक भी जब्त की गई है। इस पूरे मामले में मांडल थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी विक्रम सेवावत, एएसआई नंदलाल गुर्जर और दीवान राजेंद्र सिंह को जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह यादव पहले ही निलंबित कर चुके हैं। निलंबन के बाद से तीनों पुलिसकर्मी भूमिगत हैं, जिससे पुलिस विभाग में गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं और उच्चाधिकारियों की सख्ती के बावजूद गिरफ्तारी नहीं होना चर्चा का विषय बना हुआ है। सीसीटीवी फुटेज में पुलिसकर्मी की मौजूदगी मामले में जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज सामने आए, जिसमें थाने में एएसआई नंदलाल गुर्जर की मौजूदगी में जेसीबी की अदला-बदली होती दिखी। बजरी में जब्त नई जेसीबी को बाहर निकालकर उसकी जगह पुरानी व खराब मशीन रखी गई थी, ताकि बजरी माफिया को फायदा पहुंचाया जा सके। जांच और गिरफ्तारियां जिला पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच पुलिस उपाधीक्षक (सदर) प्रशिक्षु आईपीएस माधव उपाध्याय को सौंपी थी। गहन पड़ताल के बाद पुलिस ने पालड़ी निवासी ओमप्रकाश पुत्र छोगा भील, रणिकपुरा निवासी पूरण माली पुत्र नगजीराम, गोविंदपुरा निवासी सांवरा कीर पुत्र रतन कीर, जाटों का खेड़ा आरजिया निवासी पंकज जाट पुत्र सत्यनारायण जाट और इन्द्रपुरा (पालड़ी) निवासी सुनील पुत्र सम्पत गुर्जर को गिरफ्तार किया। आरोपियों की निशानदेही पर चोरी की गई जेसीबी बरामद कर ली गई। वहीं एक कार व एक बाइक को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया। धोखाधड़ी का मामला भी जुड़ा पुलिस जांच में सामने आया कि यह जेसीबी पूर्व में बिजौलियां थाने क्षेत्र में धोखाधड़ी के एक मामले में चिन्हित है। यह मशीन मुकेश गुर्जर के पास थी। अब यह जेसीबी उसके पास कैसे पहुंची, इसको लेकर पुलिस आगे की पूछताछ कर रही है। अभी इनकी तलाश जारी पुलिस अब जेसीबी चोरी की इस साजिश में शामिल निलंबित पुलिसकर्मियों सहित अन्य बजरी माफियाओं की तलाश कर रही है।

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