वापस रूस लौटे पुतिन, हवाई अड्डे पर जयशंकर ने किया विदा

वापस रूस लौटे पुतिन, हवाई अड्डे पर जयशंकर ने किया विदा
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दो दिवसीय भारत दौरे के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार देर रात दिल्ली से मॉस्को रवाना हो गए। राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत और रात्रिभोज कार्यक्रम में शामिल होने के बाद उनकी यात्रा का समापन हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित भोज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। पुतिन ने प्रस्थान से पहले कहा कि भारत और रूस के बीच साझेदारी साथ चलें, साथ बढ़ें की भावना पर आधारित है और आने वाले समय में दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे।





राजघाट पर श्रद्धांजलि और द्विपक्षीय वार्ता

पुतिन चार दिसंबर को नई दिल्ली पहुंचे थे। पांच दिसंबर की सुबह उन्होंने राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद राष्ट्रपति भवन में उनका राजकीय स्वागत किया गया जहां तीनों सेनाओं ने उन्हें सलामी दी।

इसके उपरांत पुतिन हैदराबाद हाउस पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री मोदी के साथ लगभग ढाई घंटे तक विस्तृत द्विपक्षीय वार्ता हुई। इससे पहले प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास पर भी दोनों नेताओं ने रात्रिभोज के दौरान लंबी चर्चा की थी।

प्रधानमंत्री मोदी का वक्तव्य

संयुक्त प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हाल के वर्षों में दुनिया कई संकटों से गुजरी है, लेकिन इसके बीच भी भारत रूस मित्रता स्थिर रही है। प्रधानमंत्री ने बताया कि दोनों देशों ने 2030 तक के लिए आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमति बनाई है जो व्यापार और निवेश को नई दिशा देगा और इसे संतुलित व विविध बनाएगा।

पुतिन का बयान

राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस भारत की बढ़ती आर्थिक जरूरतों के अनुसार ऊर्जा आपूर्ति को मजबूत करने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत और यूरेशियन इकोनॉमिक फोरम के बीच मुक्त व्यापार समझौते से दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को गति मिलेगी।


 प्रेस कॉन्फ्रेंस

प्रेस कॉन्फ्रेंस



आतंकवाद पर साझा रुख

दोनों देशों ने संयुक्त बयान में आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की प्रतिबद्धता दोहराई। पहलगाम हमले और मास्को के क्रोकस सिटी हॉल पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई। भारत और रूस ने कहा कि किसी भी प्रकार के आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के आधार पर बिना भेदभाव के कार्रवाई आवश्यक है।

सोलह समझौतों पर हस्ताक्षर

शुक्रवार को दोनों देशों के बीच कुल 16 समझौते और चार घोषणाएं हुईं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण समझौते श्रमिकों की आवाजाही और प्रशिक्षित कामगारों की आपूर्ति को लेकर हैं। एक समझौते के तहत रूस की जरूरत के अनुसार भारत से कुशल श्रमिक भेजने की व्यवस्था बनाई जाएगी। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने स्पष्ट किया कि रूस के आईटी और अन्य क्षेत्रों में भारतीय विशेषज्ञों की मांग तेजी से बढ़ रही है।

इसके अलावा सीमा शुल्क विभागों के बीच भी समझौता हुआ है जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक सूचनाओं का त्वरित आदान प्रदान हो सकेगा।

एक अन्य महत्वपूर्ण समझौता रूसी कंपनी जेएशजी ऊरलकेम और भारत की राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड के बीच हुआ है जिसके तहत भारतीय कंपनी रूस में उर्वरक संयंत्र स्थापित करेगी।

रक्षा चर्चाएं लेकिन कोई नया सौदा नहीं

दोनों नेताओं के बीच रक्षा सहयोग पर भी बातचीत हुई, लेकिन हथियार या मिसाइल प्रणाली से जुड़े किसी नए सौदे की घोषणा नहीं की गई। इससे एक दिन पहले रक्षा मंत्रियों के स्तर पर व्यापक विमर्श हुआ था। सामरिक मामलों में दोनों देश गोपनीयता बनाए हुए हैं।


प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ मुलाकात के दौरान रूसी सेना में शामिल भारतीयों का मुद्दा उठाया। उन्होंने पुतिन से भारतीयों की सुरक्षित वापसी की मांग की। विदेश मंत्रालय के मुताबिक कम से कम 44 भारतीय रूसी सेना में फंसे हुए हैं।

भारत दौरे पर आए पुतिन और मोदी ने करीब 24 घंटे में 3 बार मुलाकात की। दोनों नेताओं ने साथ में प्राइवेट डिनर, द्विपक्षीय बातचीत, जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस और इंडिया-रूस बिजनेस फोरम की बैठक को संबोधित किया।

हालांकि इस दौरान दोनों देशों के बीच भी किसी बड़े डिफेंस डील का ऐलान नहीं किया गया। इससे पहले कई रिपोर्ट्स में भारत-रूस के बीच किसी लड़ाकू विमान या बड़े रक्षा सौदा होने की बात कही जा रही थी।

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