करेड़ा थानाधिकारी पर हत्या के आरोपियों से मिलीभगत का आरोप,: गवाहों को धमकाने और झूठे मुकदमे दर्ज करने की जांच की मांग

गवाहों को धमकाने और झूठे मुकदमे दर्ज करने की जांच की मांग
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भीलवाड़ा प्रहलाद तेली। करेडा थाना क्षेत्र में हत्या के एक गंभीर मामले को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। सिन्जाड़ी का बाडिय़ा गांव के ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर आरोप लगाया है कि करेड़ा थानाधिकारी हत्या के आरोपियों से मिलीभगत कर गवाहों को धमका रहे हैं और यहां तक कि उन्हें थाने में निवस्त्र कर बैरक में बंद तक किया गया। ग्रामीणों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच करवा कर थानाधिकारी को तत्काल हटाने की मांग की है।

१८ अगस्त को हुई संदिग्ध मौत, परिजन बोले—गले पर फंदे के निशान

ग्रामीणों के अनुसार १८ अगस्त २०२५ को गांव के बुदर गुर्जर की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। परिजन इसे हार्ट अटैक बता रहे थे, लेकिन गांव वालों ने शव से कपड़ा हटाने पर गले में फंदे के निशान देखे। ग्रामीणों ने फोटो और वीडियो भी बनाए। इसके बाद मृतक की पत्नी पूजा गुर्जर और ग्रामीणों ने इसे हत्या/आत्महत्या की आशंका बताते हुए जांच की मांग की।

लगातार रिपोर्ट देने पर भी पुलिस ने नहीं की कार्रवाई

परिजनों और ग्रामीणों ने २ सितंबर, २२ सितंबर और १७ अक्टूबर २०२५ को थाने और पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट दी, लेकिन किसी भी रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं हुई। जांच, बयान या मुकदमा—कुछ भी दर्ज नहीं किया गया।

एसपी के आदेश के बाद दर्ज हुआ मामला

७ नवंबर को मृतक की पत्नी पूजा गुर्जर ने फिर एसपी भीलवाड़ा को शिकायत दी। मामले की गंभीरता देखते हुए एसपी ने तुरंत मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए, जिसके बाद ८ नवंबर को प्रकरण संख्या २२३/२०२५ दर्ज हुआ।

थाने में बयान के दौरान गवाहों पर राजीनामा का दबाव

मुकदमा दर्ज होने के बाद पहली बार गवाहों को थाने बुलाया गया। आरोप है कि बयान के दौरान ही थानाधिकारी ने गवाहों पर राजीनामा करने का दबाव बनाया और हत्या की दिशा में जांच न करने के संकेत दिए। गवाहों द्वारा निष्पक्ष जांच की मांग पर थानाधिकारी नाराज़ हो गए।

खबर छपने के बाद थानाधिकारी भडक़े, गवाहों को धमकाने के आरोप

२८ नवंबर को पूजा और गवाह भैरू गुर्जर एसपी कार्यालय पहुंचे, जहां खबर प्रकाशित होने पर थानाधिकारी और अधिक नाराज़ हो गए। आरोप है कि इसके बाद आरोपी पक्ष व थानाधिकारी की ओर से गवाहों को धमकाया गया।

५ दिसंबर को गवाहों ने की निष्पक्ष जांच की मांग

गवाह भैरू लाल और अन्य ने फिर एसपी को ज्ञापन देकर मामले की जांच करेडा थाने से हटाने की मांग की, क्योंकि थानाधिकारी न तो कार्रवाई कर रहा था, न ही गवाहों के बयान दर्ज कर रहा था।

गवाहों को फोन पर धमकी— मामले से दूर रहो, वरना फंसा देंगे

६ दिसंबर को पारस गुर्जर ने गवाह भैरू को फोन पर धमकाया कि यह पारिवारिक मामला है, गवाही न दें, नहीं तो फंसा दिया जाएगा। इस बातचीत की रिकॉर्डिंग भी मौजूद होने का दावा किया गया है।

गवाह के भाई से मारपीट, रिपोर्ट देने गए तो उल्टा गवाहों पर ही मुकदमा

७ दिसंबर को पारस गुर्जर ने गवाह भैरू के भाई श्रवण के साथ मारपीट की। श्रवण गुर्जर रिपोर्ट देने थाने गया, जहां उसकी रिपोर्ट लेकर उसे घर भेज दिया गया। कुछ देर बाद गवाहों को दोबारा थाने बुलाया गया जहां थानाधिकारी व आरोपी एक ही कमरे में मौजूद थे।

थाने में गवाहों को कपड़े उतरवाकर बैरक में बंद किया

गवाहों के आरोप के अनुसार थानाधिकारी ने गवाह भैरू, तेजू व जगदीश को धमकाया, "तुझे गवाही देना सिखाता हूं।" इसके बाद पुलिस कर्मियों को आदेश दिया कि उनके कपड़े उतरवाकर बैरक में डाल दो। जबकि उस समय उनके खिलाफ किसी प्रकार की शिकायत दर्ज नहीं थी।

हत्या के आरोपी की रिपोर्ट पर गवाहों पर ही झूठा मामला दर्ज

इसके बाद थानाधिकारी ने हत्या के आरोपी मीठू गुर्जर और पारस को थाने बुलाकर उन्हीं से गवाहों के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई और तत्काल प्रकरण २३३/२०२५ दर्ज कर गवाहों को शांतिभंग में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जमानत मिली।

गवाहों की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं

मारपीट की घटना के बाद गवाहों द्वारा दी गई रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और उल्टा उन्हीं पर झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया गया।

उच्च स्तरीय जांच की मांग

ग्रामीणों और गवाहों ने मांग की है कि प्रकरण संख्या २२३/२०२५ की जांच किसी अन्य उच्चाधिकारी से कराई जाए और थानाधिकारी को पद से हटाया जाए, क्योंकि उन्होंने हत्या जैसे गंभीर मामले में आरोपी पक्ष से मिलीभगत कर गवाहों को डराने, धमकाने और झूठे मामले में फंसाने का कार्य किया है।

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