भीलवाड़ा में पुलिस की दमदार कार्रवाई: -फायरिंग का आरोपित सुरेंद्र मुठभेड़ में ढेर होने से बचा, पुलिस की जवाबी गोली से घायल

भीलवाड़ा हलचल न्यूज़। जिले में अपराधियों के खिलाफ चल रहे अभियान के बीच मंगलवार देर रात पुलिस और एक शातिर अपराधी के बीच सस्पेंस और दहशत से भरा ऑपरेशन चला। फायरिंग कर फरार हुआ वांछित आरोपी विजयनगर निवासी सुरेन्द्र उर्फ़ ज्ञान सिंह 21 पुत्र प्रतापसिंह सोलंकी पुलिस पर जानलेवा हमला करने की तैयारी में था, लेकिन पुलिस की साहसिक और समय पर की गई जवाबी कार्रवाई में आरोपी धराशायी हो गया। गोली उसके दाहिने पैर में लगी और उसे गिरफ्तार कर अस्पताल पहुँचाया गया।
यह पूरी कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह यादव के नेतृत्व में, एएसपी शाहपुरा राजेश आर्य तथा वृत्ताधिकारी गुलाबपुरा जितेन्द्र सिंह की मॉनिटरिंग में की गई।
घटना की शुरुआत: उपसरपंच के घर पहुंचा 'फायरिंग का आरोपी'
9 दिसंबर 2025 को मालोला के उपसरपंच प्रतापनगर थाने पहुंचे और बताया कि विजयनगर में 112 के चालक पर फायरिंग करने वाला आरोपी ज्ञान सिंह उनके घर आ गया है। शक होने पर उन्होंने उसे पकड़ा और थाने पहुंचाया। पूछताछ में सामने आया कि आरोपी पहले से ही थाना रायला के प्रकरण संख्या 112/2025, धारा 109(1), 309(6) BNS एवं 3/25 Arms Act में वांछित है। एसपी धर्मेंद्र सिंह ने तुरंत आदेश दिया कि आरोपी को रायला पुलिस को सुपुर्द किया जाए।
कस्टडी से भागने की फिल्मी कोशिश, हाईवे किनारे अंधेरे में लगाई छलांग
पुलिस निरीक्षक राजपाल सिंह आरोपी को सरकारी वाहन से रायला ले जा रहे थे। लगभग 11:20 PM, मांडल के पास आरोपी ने पेशाब जाने का बहाना बनाया। जैसे ही वाहन रोका गया, आरोपी ने अचानक पुलिस को धक्का दिया। वह सड़क किनारे की चारदीवारी कूदकर अंधेरे खेतों में गायब हो गया। पुलिस टीम पीछा करती रही, लेकिन आरोपी खेतों में ओझल हो गया। इसके चलते तुरंत कंट्रोल रूम, रायला, मांडल, बनेड़ा और बागोर थानों को ऑलर्ट किया गया और नाकाबंदी शुरू की गई।
पूरी रात चला सर्च ऑपरेशन,अंधेरे खेतों, खंडहरों और सुनसान जगहों को खंगाला
1:50 AM पर सर्च टीमों ने मांडल थाने में रिपोर्ट दी और वहां से एक बड़ी टीम तैयार की गई। सीओ सदर माधव उपाध्याय (IPS), सीओ मांडल राहुल जोशी तथा बागोर थानाधिकारी संजय गुर्जर मौके पर पहुंचे। सभी टीमों को अलग-अलग दिशा में भेजकर आरोपी की तलाश तेज की गई।
टर्निंग प्वाइंट: खंडहर में छिपकर बैठा था आरोपी—फिर की पुलिस पर फायरिंग
तलाशी के दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि लांबिया कला टोल से पहले अजमेर रोड पर कच्चे रास्ते में एक कंटेनर खड़ा है, उसके पास बने खंडहर में आरोपी के छिपे होने की संभावना है। तुरंत थानाधिकारी राजपाल अपनी टीम के साथ 3:15 AM पर मौके पर पहुंचे।जैसे ही पुलिस जीप की रोशनी खंडहर पर पड़ी अंदर से आरोपी बाहर आया और सीधे पुलिस जीप पर फायर कर दिया।
गोली जीप की बाईं साइड के कांच से टकराई। इससे यह स्पष्ट हो गया कि आरोपी जान से मारने की नीयत से फायर कर रहा है।
सरेण्डर का मौका मिला—लेकिन आरोपी हथियार लोड करता रहा
थानाधिकारी राजपाल सिंह ने कई बार चेतावनी दी—
"हथियार फेंक दो, वरना जवाबी कार्रवाई की जाएगी,"लेकिन आरोपी हथियार डालने को तैयार नहीं था।बार-बार रीलोड करने की कोशिश कर रहा था। पुलिस पर दूसरा फायर करने की तैयारी से स्पष्ट था कि पुलिस की जान को खतरा बढ़ता जा रहा था।
पुलिस की जवाबी कार्रवाई—आत्मरक्षा में फायर, आरोपी घायल
आत्मरक्षा और साथी पुलिस कर्मियों की सुरक्षा को देखते हुए थानाधिकारी ने सटीक जवाबी फायरिंग की।
गोली आरोपी के दाहिने पैर में घुटने के नीचे एड़ी के ऊपर लगी और वह वहीं गिर पड़ा। हथियार उसके हाथ से छूटकर जमीन पर गिर गया।
भागते समय छिपाया था हथियार, कस्टडी से भागकर फिर उठा लिया
जब पुलिस ने आरोपित से पूछताछ की कि पुलिस टीम पर फयरिंग करनेमें काम लिया हथियार कहाँ से लाया, तो आरोपी ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि विजयनगर फायरिंग के बाद जब भाग रहा था, तो उसने इसी खंडहर में हथियार छिपा दिया था। कस्टडी से भागकर उसने उसी हथियार को फिर उठा लिया और पुलिस पर फायर कर दिया। आरोपी के पास हथियार का कोई लाइसेंस या परमिट नहीं था।
अस्पताल में भर्ती—पुलिस ने दर्ज किया नया मामला
पुलिस टीम ने तुरंत आरोपी को एमजीएच भीलवाड़ा में भर्ती करवाया। जहां पुलिस की निगरानी में उसका उपचार किया जा रहा है। इस आरोपित के खिलाफ थाना रायला में आर्म्स एक्ट सहित सहित विभिन्न धाराओं के तहत नया मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम
प्रताप नगर थाना अधिकारी राजपाल सिंह, कांस्टेबल धीरज, सुरेश,राजकुमार।
