मनरेगा के नए नाम और प्रावधानों पर संसद में सियासी घमासान: फसल बुआईऔर कटाई के वक्त नहीं मिलेगा अब काम

फसल बुआईऔर कटाई के वक्त नहीं मिलेगा अब काम
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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून की जगह अब विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण लाने की तैयारी है, जिसे संक्षेप में जी राम जी कहा जा रहा है। सरकार का कहना है कि यह बदलाव विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप ग्रामीण रोजगार और आजीविका को मजबूत करेगा। नए प्रस्ताव के तहत ग्रामीण परिवारों को अब साल में 100 की जगह 125 दिन रोजगार देने की बात कही गई है।

हालांकि, इस योजना की संरचना में बड़े बदलाव प्रस्तावित हैं। अब तक जहां मनरेगा का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करती थी, वहीं नए प्रावधानों के अनुसार राज्यों को 10 से 40 प्रतिशत तक खर्च उठाना होगा। इसके अलावा बुवाई और फसल कटाई के मौसम के करीब 60 दिनों में योजना के तहत काम नहीं देने का प्रस्ताव है। सरकार का तर्क है कि इससे खेती के समय मजदूरों की उपलब्धता बनी रहेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संतुलन मिलेगा।

विपक्ष ने इन बदलावों को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि यह कानून मनरेगा को केंद्र के नियंत्रण का औजार बना देगा। उनके अनुसार बजट और नियम केंद्र तय करेगा, जबकि राज्यों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाला जाएगा। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री को महात्मा गांधी के विचारों और गरीबों के अधिकारों से विरोध है। उन्होंने कहा कि मनरेगा ग्राम स्वराज की सोच का प्रतीक रही है और कोविड काल में करोड़ों ग्रामीणों के लिए सुरक्षा कवच बनी थी, लेकिन अब इसे कमजोर किया जा रहा है। फसल के मौसम में रोजगार रोकने से गरीब मजदूरों को महीनों तक काम नहीं मिलेगा।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सरकार पर योजनाओं के नाम बदलने की आदत का आरोप लगाया। समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि केवल नाम बदलने से जमीनी सच्चाई नहीं बदलेगी, बल्कि राज्यों के सामने आर्थिक संकट खड़ा होगा। बिहार में भी इस मुद्दे पर राजनीति तेज है। राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि केंद्र सरकार के पास कोई नया विजन नहीं है और वह यूपीए सरकार की योजनाओं का नाम बदलकर अपनी उपलब्धि बता रही है।

वहीं, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी केवल एक नाम नहीं, बल्कि प्रेरणा हैं और बापू रामराज्य की स्थापना की बात करते थे। उनके अनुसार विकसित भारत जी राम जी योजना का उद्देश्य अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का कल्याण है। उन्होंने दावा किया कि यह बिल गरीबों के सम्मान और गांधीजी के सपनों को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।

अब इस प्रस्तावित कानून पर संसद की अगली बहस और इसके भविष्य को लेकर देशभर की निगाहें टिकी हुई हैं।

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