आसींद ,शमशान भूमि पर बजरी माफिया का आतंक, ग्रामीणों को डंपर से कुचलने की कोशिश

आसींद ,शमशान भूमि पर बजरी माफिया का आतंक, ग्रामीणों को डंपर से  कुचलने की कोशिश
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*बागोर हमीरगढ़ आसींद बीगोद में बजरी का बड़ा खेल

*पुलिस और खनिज विभाग पर मिलीभगत के आरोप, कई इलाकों में खुलेआम दोहन जारी

*एसपी के सख्त निर्देशों के बावजूद नहीं थम रहा बजरी का खेल

भीलवाड़ा। जिले के आसींद क्षेत्र के पुरानी पड़ासोली गांव में बजरी माफिया ने शमशान भूमि तक को नहीं छोड़ा। अवैध बजरी दोहन रोकने पहुंचे ग्रामीणों को रविवार तड़के कुचलने की कोशिश किए जाने से इलाके में भारी आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों का आरोप है कि बजरी माफिया बेखौफ होकर न सिर्फ अवैध खनन कर रहे हैं, बल्कि विरोध करने वालों की जान तक लेने से नहीं चूक रहे।

जानकारी के अनुसार पुरानी पड़ासोली गांव की शमशान भूमि से बजरी दोहन करने को लेकर ग्रामीणों ने पहले ही एक व्यक्ति को चेतावनी दी थी। इसके बावजूद रविवार सुबह करीब पांच बजे वह बजरी से भरा डंपर लेकर निकल रहा था। जैसे ही ग्रामीणों ने डंपर रोकने का प्रयास किया और उसके सामने खड़े हुए, चालक ने वाहन आगे बढ़ाकर उन्हें कुचलने की कोशिश की। ग्रामीणों की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया, लेकिन आरोपी डंपर लेकर मौके से फरार हो गया।

घटना के बाद ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला। लोगों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि बजरी माफिया केवल नदी और जमीन का स्वरूप ही नहीं बिगाड़ रहे, बल्कि धूल और प्रदूषण फैलाकर आमजन की जिंदगी को भी खतरे में डाल रहे हैं। ग्रामीणों ने पुलिस और खनिज विभाग पर माफियाओं से मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए।

ग्रामीणों का कहना है कि आसींद की खारी नदी ही नहीं, बल्कि बागोर, मांडल, हमीरगढ़ और मंगरोप क्षेत्रों में भी खुलेआम बजरी का अवैध दोहन और परिवहन हो रहा है। इसके बावजूद प्रभावी कार्रवाई नहीं होने से माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।

हालांकि पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र यादव लगातार बजरी माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दे रहे हैं और सभी थाना प्रभारियों को चेतावनी भी दी गई है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि आसींद, बागोर और मांडलगढ़ जैसे क्षेत्रों में बजरी माफिया का अवैध कारोबार थमता नजर नहीं आ रहा है।

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