रोमांस प्लस निवेश स्कैम का बढ़ता खतरा, साइबर सेल ने जारी किया अलर्ट

सोशल मीडिया पर अचानक आई फ्रेंड रिक्वेस्ट, मीठी-मीठी बातें और भरोसा जीत लेने वाला रिश्ता, यही है रोमांस स्कैम इन्वेस्टमेंट का पहला कदम. स्कैमर्स पहले दोस्ती करते हैं, प्यार के जाल में फंसाते हैं और फिर भरोसा जीतकर आपको इन्वेस्टमेंट के नाम पर करोड़ों का चूना लगा देते हैं और इसका पैसा वापस मिलना लगभग नामुनकिन होता है.
अब साइबर ठगी के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। खासतौर पर रोमांस के नाम पर निवेश का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह सक्रिय हो गए हैं। साइबर सेल के अनुसार आए दिन नए मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें लगभग पांच प्रतिशत मामले रोमांस प्लस स्कैम या पिग बुचरिंग स्कैम से जुड़े हैं।
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि यह ठगी का उन्नत रूप है, जिसमें ठग सोशल मीडिया, व्हाट्सएप या डेटिंग एप्स पर सुंदर महिलाओं की फर्जी प्रोफाइल बनाकर संपर्क करते हैं। शुरुआत सामान्य बातचीत से होती है, फिर दोस्ती और रोमांस का माहौल बनाया जाता है। कुछ समय बाद क्रिप्टोकरेंसी, स्टॉक ट्रेडिंग या कथित सुरक्षित प्लेटफॉर्म पर निवेश का प्रस्ताव दिया जाता है। पीड़ित छोटी रकम से निवेश शुरू करता है और बाद में बड़ी राशि लगा देता है।
ठग नकली एप या वेबसाइट पर मुनाफा दिखाकर भरोसा दिलाते हैं। जब पीड़ित पैसे निकालना चाहता है, तो उससे अतिरिक्त फीस या टैक्स के नाम पर और रकम मांगी जाती है। इसके बाद ठग संपर्क तोड़ देते हैं और पूरी राशि डूब जाती है।
साइबर सेल ने बताया कि इस तरह के मामलों में बेरोजगार युवा, छात्र, गृहिणियां और आर्थिक रूप से जरूरतमंद लोग अधिक शिकार बन रहे हैं। कई मामलों में ठगी की राशि कम होने के कारण पीड़ित केवल 1930 हेल्पलाइन पर सूचना देकर रुक जाते हैं और थाने में एफआईआर दर्ज नहीं कराते, जिससे ठगों के हौसले और बढ़ जाते हैं।
साइबर सेल ने आमजन को सतर्क करते हुए कहा है कि रोमांस और निवेश को कभी भी आपस में न जोड़ें। ऑनलाइन मिले अनजान व्यक्ति की निवेश सलाह पर भरोसा न करें। गारंटीड हाई रिटर्न या बिना जोखिम के मुनाफे का दावा हमेशा झूठा होता है। किसी भी निवेश प्लेटफॉर्म की जानकारी सेबी रजिस्टर्ड ब्रोकर या बैंक के माध्यम से ही जांचें। अनजान अकाउंट, क्रिप्टो या गिफ्ट कार्ड में पैसे ट्रांसफर न करें।
यदि किसी प्रोफाइल पर संदेह हो तो उसकी फोटो रिवर्स इमेज सर्च से जांचें। ठग अक्सर वीडियो कॉल या मिलने से बचते हैं और बहाने बनाते हैं। ठगी की आशंका होते ही तुरंत रिपोर्ट करें। यदि ठगी हो जाए तो तुरंत बैंक को सूचना दें, पुलिस में एफआईआर दर्ज कराएं और cybercrime.gov.in या 1930 पर शिकायत करें। समय पर रिपोर्ट करने से राशि रिकवरी की संभावना बढ़ जाती है।
साइबर अधिकारियों ने बताया कि पिग बुचरिंग स्कैम शब्द चीनी शब्द शा जू पान से आया है, जिसका अर्थ है किसी को भावनात्मक रूप से फंसाकर धीरे धीरे भरोसा जीतना और फिर ठगी करना। इसी तरीके से ठग पीड़ित को जाल में फंसाकर आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। साइबर सेल ने लोगों से सतर्क रहने और जागरूकता बढ़ाने की अपील की है।
