प्रदेश में अब तक कोविड के 10 मामले,: भीलवाड़ा में भी तैयारी लेकिन कोरोना जांच कीट उपलब्ध नहीं

भीलवाड़ा ( राजकुमार माली)। देश के साथ-साथ राजस्थान में भी अब लंबी शांति रहने के बाद फिर से कॉविड की शुरूआत हो गई है। भीलवाड़ा के एक बालक सहित प्रदेश में अब तक 10 मामले सामने आने के बाद भीलवाड़ा चिकित्सा मेंमहकमा भी जागा हे और तैयारी शुरू कर दी है लेकिन कोविड जांच किट अभी भी यहां उपलब्ध नहीं है। प्रारंभिक तीन चरणों की जांच जरूर की जा रही है लेकिन अभी यहां कोई मामला सामने नहीं आया है।
भीलवाड़ा का एक बालक जोधपुर में ओर उदयपुर और जयपुर में दो नए मामले कोविद-19 के सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है इस महीने अब तक प्रदेश में 10 मामले सामने आ चुके है। इसे देखते हुए महात्मा गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर अरुण गोड ने हलचल को बताया कि भीलवाड़ा में कोविड से निपटने की हमारी तैयारी पूरी है ऑक्सीजन व अन्य दवाई प्राप्त मात्रा में उपलब्ध है।
उधर सूत्रों के अनुसार अस्पताल में कोविड जांच के लिए कीट उपलब्ध नहीं है। हालांकि डॉक्टर गोड ने कहा की आवश्यकता होने पर यह उपलब्ध करवा लिए जाएंगे।
उल्लेखनीय की भीलवाड़ा में सबसे पहले कोरोना की जब दस्तक हुई थी तो डॉक्टर गोड के नेतृत्व में ही यहां लोगों का उपचार ही नहीं किया बल्कि भीलवाड़ा ने देश और विदेश को भी एक नई दिशा इसे निपटने की दिखाई थी। भीलवाड़ा मॉडल की हर तरफ चर्चा हुई थी।
मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सी पी गोस्वामी ने कोविड को लेकर कहा कि हालांकि अभी तक भीलवाड़ा में कोई मरीज सामने नहीं आया है लेकिन जांच की पुख्ता व्यवस्था है जब उनसे कोविड किट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मांग आने के साथ ही उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
बचाव के कही कोई उपाय नहीं
कोरोना के जनक रहे भीलवाड़ा में नए सिरे से प्रदेश में कोविद की दस्तक के बावजूद यहां अब तक लोगों में बचाव के कोई उपाय नजर नहीं आ रहे हैं। कोई भी अस्पताल हो सार्वजनिक स्थल या कार्यालय कहीं भी अभी इसकी कोई सुविधा और बचाव दिखाई नहीं दिया है जबकि सरकार अलर्ट मोड पर है और कई चिकित्सक यह कह चुके हैं कि भीड़ भाड़े से बचे और पहले की तरह सुरक्षित रहने के उपाय करें ताकि इस बीमारी से बचाव हो सके।
प्रदेश का ऐसा हे हाल
राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जयपुर और उदयपुर में कोविड-19 के दो नए मामले सामने आए हैं। दोनों मरीजों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है और उनका इलाज आउटडोर आधार पर चल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, दोनों मरीजों में हल्के लक्षण जैसे सर्दी-खांसी और हल्का बुखार पाए गए। इसके बाद उनकी कोविड जांच की गई और रिपोर्ट पॉजिटिव आई। विशेषज्ञों का कहना है कि इन मामलों में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट जेएन.1 पाया गया है, जो वर्तमान में देश के 11 राज्यों में फैल चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वैरिएंट को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ की श्रेणी में रखा है, यानी इसकी निगरानी जरूरी है। हालांकि यह फिलहाल गंभीर खतरा नहीं माना जा रहा।
सतर्कता जरूरी
चिकित्सा विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि भले ही यह वैरिएंट कम घातक प्रतीत हो रहा है, फिर भी सतर्कता जरूरी है। विभाग ने सभी जिला अधिकारियों और स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं, ताकि समय रहते संक्रमण की रोकथाम की जा सके।
अभी घबराने की जरूरत नहीं
विशेषज्ञों की मानें तो अभी घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन जनता को भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनने और हाथों की स्वच्छता बनाए रखने जैसे एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है। राज्य में यह खबर एक बार फिर लोगों को सतर्क कर रही है कि भले ही कोरोना अब नियंत्रण में हो, लेकिन इसकी संभावित वापसी से इनकार नहीं किया जा सकता।
मई महीने में अब तक 10 नए केस सामने आए हैं, जबकि बीते 24 घंटे में 6 नए मामले दर्ज किए गए हैं. इन सभी संक्रमितों में पूर्व में चर्चा में रहे ओमिक्रोन के सब-वेरिएंट की पुष्टि हुई है. जिसके बाद चिकित्सा विभाग अलर्ट हो गया है.
जानकारी के मुताबिक साल 2025 के शुरुआती चार महीनों में केवल 2 ही कोविड पॉजिटिव केस समाने आए थे. हालांकि मई के महीने में अचानक इनकी संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है. चिकित्सा विभाग ने इस नई स्थिति के मद्देनजर सतर्कता बढ़ा दी है और सभी पॉजिटिव मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग शुरू कर दी है.
पुरानी यादे
भीलवाड़ा में पहले रहे लोक डाउन का नजारा, सन्नाटा