महिला ने फांसी लगाकर दी जान,: बेटे का आरोप-चल रही थी सांसे, एंबुलेंस में नहीं थी ऑक्सीजन, 15 मिनिट तक नहीं खुला गेट, पायलेट ने आरोपों को नकारा

बेटे का आरोप-चल रही थी सांसे, एंबुलेंस में नहीं थी ऑक्सीजन, 15 मिनिट तक नहीं खुला गेट, पायलेट ने आरोपों को नकारा
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भीलवाड़ा बीएचएन। शहर के जवाहरनगर में रविवार सुबह डिप्रेशन का शिकार महिला ने फांसी लगा ली। महिला को 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। उधर, महिला के बेटे का आरोप है कि जिस एंबुलेंस से उसकी मां को अस्पताल ले जाया गया, उसमें ऑक्सीजन तक नहीं थी। अस्पताल पहुंचने के बाद भी एंबुलेंस का गेट नहीं खुला। इसकी वजह से उसकी मां की मौत हो गई। बेटा, अब कार्रवाई की मांग कर रहा है। वहीं एंबुलेंस पायलेट ने इन आरोपों को नकारते हुये महिला के साथ एंबुलेंस से आये लडक़ों पर मारपीट व तोडफ़ोड़ के आरोप लगाये हैं।

बिहार के पटना जिले के गौरव पुत्र प्रशांतकुमार राम ने बीएचएन को बताया कि रविवार को उसका रेस्ट था, इसके चलते वह सो रहा था। उसकी मां सुलेखा 49 ने पिता प्रशांत के लिए खाना बनाया। पिता फैक्ट्री चले गये। गौरव ने कहा कि इसके बाद उसके मोबाइल पर फ्रेंड का कॉल आया। गौरव ने बताया कि जब वह सोया रहता है, तब उसकी मां उसका मोबाइल उठा लेती है, लेकिन आज ऐसा नहीं हुआ। इसके चलते उसकी नींद खुल गई। वह जब कमरे से बाहर आया तो उसकी मां ड्रम पर चढक़र रस्सी के फंदे से पंखे से लटकी हुई थी। इसके चलते उसने तुरंत ही रस्सी काटकर मां सुलेखा को फंदे से उतारा, तब उसकी सांसें चल रही थी। इसके बाद108 एंबुलेंस को कॉल किया। गौरव का आरोप है कि एंबुलेंस का पायलेट को उसके घर तक पहुंचने का रास्ता तक पता नहीं था। इसके चलते एंबुलेंस पहले तो देर से पहुंची। इसके बाद मां सुलेखा को एंबुलेंस में लिटाया। एंबुलेंस में ऑक्सीजन तक नहीं थी। जैसे-तैसे जिला अस्पताल पहुंचे तो एंबुलेंस का 15 मिनिट तक गेट नहीं खुला।

गौरव ने बताया कि उसने पायलेट के कहने पर एंबुलेंस का गेट का शीशा तोड़ा और इसी रास्ते से मां को जैसे-तैसे बाहर निकाला और डॉक्टर्स के पास ले गये। गौरव ने बताया कि डॉक्टर्स ने उसकी मां को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर्स ने यह भी कहा कि 10-15 मिनिट पहले सुलेखा को ले आते तो उसे बचा लिया जाता। गौरव का आरोप है कि एंबुलेंस स्टॉफ की लापरवाही से उसकी मां की मौत हुई है। गौरव अब एंबुलेंस स्टॉफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है। उसका कहना है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो आज उसके साथ यह घटना हुई है, कल किसी ओर के साथ ऐसा होगा।

एंबलेंस पायलेट ने लगाये तोडफ़ोड़ व मारपीट के आरोप

प्रताप नगर थाना क्षेत्र की 108 एंबुलेंस के पायलेट लवेश मीणा ने बीएचएन को बताया कि रविवार सुबह 9.51 बजे जयपुर 108 कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि प्रताप नगर थाना इलाके में एक महिला की हालत बिगड़ गई। इस सूचना पर पायलेट मीणा व एमटी नेमीचंद जवाहर नगर पहुंचे। जहां महिला को एंबुलेंस में लिटाया। इस दौरान महिला के साथ चार-पांच लडक़े भी एंबुलेंस में सवार हो गये। मीणा ने बताया कि ये लडक़े पायलेट पर एंबुलेंस को तेज चलाने का दबाव बनाने लगे। इसके बाद इन लडक़ों ने ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं होने का आरोप लगाया, जबकि एंबुलेंस में ऑक्सीजन थी ओर महिला को ऑक्सीजन दी जा रही थी। इसके बावजूद युवक एंबुलेंस पायलेट व एमटी से गाली-गलौच करते हुये देख लेने की धमकी देने लगे। जिला अस्पताल पहुंचने पर इन लडक़ों ने एंबुलेंस के शीशे,इक्यूपमेंट आदि तोड़ दिये और पायलेट व एमटी के साथ मारपीट की। जान से मारने की धमकी दी। इस घटना के चलते वहां अफरा-तफरी मच गई। पायलेट व एमटी इस घटना के बाद दहशत में हैं। फिल्हाल इस संबंध में कोई रिपोर्ट पुलिस ने दर्ज नहीं की है।

क्या बोले सीएमएचओ?

महात्मा गांधी चिकित्सालय के सीएमएचओ डॉ. सीपी गोस्वामी ने इस मामले में कहा कि एंबुलेंस सेवा गर्वन्मेंट की ओर से एक कंपनी द्वारा संचालित की जा रही है। आज जो घटना हुई उसके बाद एंबुलेंस को चेक करवा लिया। कंपनी से भी बात कर ली है। एंबुलेंस में सभी सुविधायें हैं व्यवस्थित है। इसमें ऑक्सीजन की व्यवस्था है। एंबुलेंस पायलेट व टीएमटी भी ट्रेंड है। हाल ही में इस एंबुलेंस का मेडिकल टीम द्वारा किया गया है और ऐसी कोई तकनिकी खराबी नहीं थी। गेट के जाम होने की शिकायत हुई वो क्राउड की हड़बड़ाहट की वजह से हुई है। घटना दुखद है। एंबुलेंस का चालक भी ट्रेंड था। आमजन ऐसी स्थिति में धैर्य बनायें रखें।

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