मचा हड़कंप: भीलवाड़ा में दो जगह के साथ ही प्रदेश में 11 स्थान पर आयकर विभाग ने मारे छापे, पहले दी थी चेतावनी अब कार्यवाही i

भीलवाड़ा (हलचल)।आयकर विभाग द्वारा भीलवाड़ा में एक चार्टड अकाउंटेंट ओर सी ए के यहां काम कर चुके के व्यक्ति के कार्यालय पर राजनीतिक चंदों में फर्जी कटौती के मामले में बड़ी कार्रवाई करने से कई लोगों में हड़कंप मचा है और आयकर विभाग आगे भी इस तरह की कार्रवाई कर सकता है!
सूत्रों के मुताबिक यह छापेमारी उन लोगों पर केंद्रित है, जिन्होंने इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80 जीजीसी के तहत फर्जी बिलों के आधार पर टैक्स में कटौती का दावा किया था।
भीलवाड़ा में दो सहित प्रदेश के 5 जिलों में 11 जगह मारे छापे
राजस्थान के भीलवाड़ा में दो स्थानों के साथ ही जयपुर, कोटा, अजमेर और चित्तौड़गढ़ में 11 ठिकानों पर छापे मारे है। विभाग ने पाया कि कई करदाता, कुछ प्रोफेशनल मध्यस्थों की मदद से, बिना किसी आधार के बढ़ा-चढ़ाकर फर्जी क्लेम कर रहे थे।
भीलवाड़ा में यहां हुई कार्रवाई
भीलवाड़ा के गांधीनगर स्थित गोविंदम व्यावसायिक परिसर में सीए वी के जीनगर के कार्यालय पर कल और आज सुबह आयकर विभाग ने छानबीन की हे।
उधर गुलजार नगर में राजेश खोईवाल के कार्यालय पर भी आकर विभाग ने छापा मारा, आश्चर्य की बात तो यह है कि यह व्यक्ति सी ए भी नहीं बताया गया है ,पहले किसी सी ए के यहां काम करने की बात सामने आई है और इसी आधार पर वह इस तरह के घोटाले के काम को अंजाम दे रहा था!
मचा हे हड़कंप
भीलवाड़ा में फर्जी डोनेशन और अन्य क्लेम के जरिए आयकर विभाग को चुना लगाए जाने के मामले में कई सफेदपॉश लोगों के भी शामिल होने की बात चर्चा में है जिन्होंने डोनेशन देने के नाम पर बड़ा खेल किया है वहीं कुछ और ca भी इस खेल में शामिल होने की चर्चा बाजार में है।
ऐसे पकड़े गए
विभाग ने एआइ और डेटा एनालिटिक्स की मदद से उन करदाताओं को चिन्हित किया, जो जाली दस्तावेज जमा करके टैक्स में छूट हासिल कर रहे थे।केवल कागजों में संस्थाएं
डिपार्टमेंट ने पाया कि कुछ संगठित रैकेट्स करदाताओं को गलत तरीके से टैक्स बचाने की ट्रेनिंग दे रहे थे। इन रैकेट्स ने न सिर्फ फर्जी दस्तावेज बनाए, बल्कि कई बार गैर-रजिस्टर्ड राजनीतिक दल ,स्कूल, अस्पताल ओर संदिग्ध संस्थाओं के जरिए फर्जी डोनेशन का पेपरवर्क भी तैयार किया। डिपार्टमेंट के सूत्रों का कहना है कि अगर कोई प्रोफेशनल टैक्स चोरी में मदद करता पाया गया, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी।
पहले दी चेतावनी,अब की कार्यवाही
इस बड़े क्रैकडाउन से पहले आयकर विभाग ने एक कैंपेन शुरू किया था। इसका मकसद करदाताओं को - उनके संदिग्ध और बिना दस्तावेजों के क्लेम के बारे में आगाह करना था। करदाताओं को सलाह दी थी कि वे अपने रिटर्न को दोबारा जांच लें और अगर कोई गलती हुई है, तो रिवाइज्ड या अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर दें। ऐसा न करने पर करदाताओं को नोटिस, पेनल्टी, ब्याज या फिर इनकम टैक्स एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
इन धाराओं में छूट का ले रहे थे अवैध लाभ
@ हाउस रेंट अलाउंस: सेक्शन 10(13ए)
@ पॉलिटिकल पार्टियों को डोनेशन (सेक्शन 80जीजीसी)
@ एजुकेशन लोन का ब्याज (सेक्शन 80ई)
@ हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम (सेक्शन 80डी)
@ होम लोन और इलेक्ट्रिक व्हीकल लोन का ब्याज (सेक्शन 80ईई और 80ईईबी)
@ चैरिटेबल डोनेशन (सेक्शन 80जी)
@ साइंटिफिक रिसर्च (सेक्शन 80जीजीए)
@ गंभीर बीमारियों के इलाज का खर्च (सेक्शन 80डीडीबी)
अब जुर्माना के लिए रहें तैयार
कम आय दिखाना (सेक्शन 270ए): अतिरिक्त आय पर देय टैक्स का 50 तक जुर्माना।
आय छिपाना (सेक्शन 271(1)(सी): बचाए गए टैक्स का 300 तक जुर्माना।
अस्पष्ट निवेश (सेक्शन 271एएसी): 60 तक टैक्स, सरचार्ज और सेस के साथ 10 तक अतिरिक्त जुर्माना।
सजा भी
जानबूझकर टैक्स चोरी (सेक्शन 276सी): तीन महीने से लेकर सात साल तक की सजा, अगर चोरी की गई टैक्स राशि 25 लाख रुपए से अधिक हो।