गोगुन्दा में आदमखोर पैन्थर ने एक और महिला की ली जान, 12 दिन में सात लोगों को उतार चुका है मौत के घाट

गोगुन्दा में आदमखोर पैन्थर ने एक और महिला की ली जान, 12 दिन में सात लोगों को उतार चुका है मौत के घाट
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उदयपुर।जिले के गोगुंदा इलाके में लगातार लेपर्ड का आतंक जारी है। लगातार 12वें दिन भी आज एक और महिला को आदमखोर पैंथर ने मौत के घाट उतार दिया। गोगुन्दा के केलवा के खेड़ा गांव में आज सुबह घर के पास बने बाड़े में पशुओं को चारा डालने के दौरान महिला कमला कुंवर राजपूत को पैंथर उठा ले गया। आबादी बस्ती के बीच बने बाड़े से कुछ दूरी पर महिला का क्षत-विक्षत अवस्था मे पड़ा मिला। इस गांव से सटे हुए गांव में चल मंदिर के बाहर सो रहे पुजारी को भी आदमखोर पैंथर उठा ले गया था। गोगुंदा इलाके में लगातार 12 दिनों में यह पैंथर के अटैक की 9 वी घटना है जिसमें 7 लोग मारे जा चुके हैं। वही वन विभाग के द्वारा पूरे इलाके में 15 से ज्यादा लगाए गए पिंजरे अब तक खाली हैं। आदमखोर हो चुका शातिर पैंथर अब तक पिंजरे के आसपास भी नहीं पहुंच रहा है। हालांकि कल देर शाम को भी उसी गांव के समीप सड़क पर जा रहे बाइक सवार पर पैंथर ने हमले की कोशिश की, मगर बाइक सवार ने चिल्लाते लाठीबजा कर उसे भगा दिया।

बताया जा रहा है कि गांव के पास ही एक गुफा के नजदीक ये पैंथर बैठा हुआ था जहां से उसका मूवमेंट सुबह आबादी बस्ती की तरफ हुआ। इसी दौरान उसने आज एक महिला को अपना निवाला बना दिया। पैंथर के दहशत के बीच गांव के हर व्यक्ति के हाथ में लाठी और कुछ लोगों के हाथ में हथियार भी देखा जा सकता है। वहीं वन विभाग भी लगातार 12 टीमों के मार्फत पैंथर को ट्रैक करने की कोशिश करने की बात कह रहा है।

आपको बता दें कि गोगुंदा क्षेत्र के छाली, माजावड और बाघदडा गांव में हुए हमले के बाद वन विभाग ने एक दर्जन पिंजरे लगाए थे, जिसमें 4 पैंथर पकड़े जा चुके है। पकड़े गए सभी पैंथर्स के दांत टूटे हुए थे, ऐसे में वन विभाग को उम्मीद थी कि पकड़े गए पैन्थर ही आदमखोर हैं।

लेकिन पिछले 2 दिनों में वापस हुए हमलो के बाद माना जा रहा है कि आदमखोर पैंथर अभी भी वन विभाग की पकड़ से काफी दूर है।

वही गोगुंदा के आधा दर्जन गांवों में वन विभाग के बड़े अफसरों समेत 100 से ज्यादा कर्मचारियों और पुलिस के 125 से ज्यादा जवान तैनात है। इस पैंथर को पकड़ने के लिए उदयपुर के अलावा राजसमंद जोधपुर, देसूरी और रणथंबोर की रेस्क्यू टीम भी मौके पर तैनात है। पैंथर के लगातार हमले के बाद ग्रामीण उसे शूट करने की मांग कर रहे हैं जबकि वन विभाग उसे ट्रेंकुलाइज करने या पिंजरे में पकड़ने की कोशिश में जुटा हुआ है।


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