कृषि विपणन बोर्ड के इंजीनियरों पर एसीबी का शिकंजा1.41 लाख की संदिग्ध नकदी बरामद, किसान हितों पर डाका डालने का आरोप

कृषि विपणन बोर्ड के इंजीनियरों पर एसीबी का शिकंजा1.41 लाख की संदिग्ध नकदी बरामद, किसान हितों पर डाका डालने का आरोप
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बारां/जयपुर। भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका ताज़ा उदाहरण गुरुवार को सामने आया। राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की कोटा सिटी इकाई ने आकस्मिक चैकिंग कर कृषि विपणन बोर्ड के दो इंजीनियरों को दबोचा। तलाशी में लाखों की नकदी बरामद हुई।

गुप्त सूचना पर बड़ी कार्रवाई

एसीबी की एडीजी पुलिस स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि मांगरोल रोड, समसपुर चौराहे पर अचानक नाकाबंदी की गई। गुप्त सूचना थी कि बोर्ड के अफसर संदिग्ध लेन-देन में शामिल हैं। टीम ने मौके पर दोनों को रोका तो भ्रष्टाचार की पोल खुल गई।

थैली से निकली गड्डियां

सहायक अभियंता अंकित शर्मा के बैग से सफेद थैली में 500-500 के नोटों की तीन गड्डियां मिलीं। दो गड्डियां 50-50 हजार की और एक गड्डी 40 हजार की थी। इसके अलावा जेब से ₹1,075 निकले। वहीं कनिष्ठ अभियंता रविकांत मीणा की जेब से भी ₹1,100 की नकदी मिली।

नकदी के साथ दस्तावेज भी बरामद

दोनों के बैगों से नाप-तौल का सामान, माप पुस्तिकाएं और एक पत्रावली भी जब्त हुई। पूछताछ में दोनों अफसर नकदी के स्रोत पर कोई ठोस जवाब नहीं दे पाए। एसीबी ने रकम और दस्तावेज नियमानुसार जब्त कर लिए।

किसानों की योजनाओं पर डाका?

एसीबी अधिकारियों का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह धन भ्रष्ट आचरण से अर्जित प्रतीत होता है। किसान हितों से जुड़े विभाग में अफसरों का इस तरह संदिग्ध नकदी के साथ पकड़ा जाना गंभीर सवाल खड़ा करता है।

भ्रष्टाचार पर एसीबी का वार

कोटा रेंज के डीआईजी आनंद शर्मा की देखरेख और एएसपी विजय स्वर्णकार की अगुवाई में हुई यह कार्रवाई साफ संकेत देती है कि भ्रष्टाचार पर अब एसीबी का शिकंजा और कसने वाला है। सरकारी धन पर डाका डालने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा।

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